NMMSE : यूपी में बढ़ रही वजीफा लेने वालों की संख्या, प्रति वर्ष 12 हजार रुपये सालाना छात्रवृत्ति देता है शिक्षा मंत्रालय
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में वजीफा लेने वाले मेधावियों की संख्या पिछले चार सालों से लगातार बढ़ रही है। बीते चार वर्षों में यूपी के सर्वाधिक 9837 मेधावियों ने 2022-23 सत्र में राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाया है। शिक्षा मंत्रालय ने पिछले चार सालों का ब्योरा दिया है।
यूपी के राजकीय, सहायता प्राप्त एवं परिषदीय विद्यालय में अध्ययनरत आठवीं के 15143 मेधावियों के लिए छात्रवृत्ति का कोटा निर्धारित है। इन मेधावियों को कक्षा नौ से 12 तक हर साल 12 हजार रुपये प्रतिमाह यानि चार साल में 48 हजार रुपये मिलते हैं।
शर्त यह है कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की पारिवारिक आमदनी सालाना साढ़े तीन लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।पहले आवेदकों की संख्या कम होने के कारण भी बहुत मेधावी इसका लाभ उठा पाते थे। पिछले दो साल से बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने आवेदन बढ़ाने पर खासा ध्यान दिया है। जिसका नतीजा है कि पिछले साल 179971 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। इस सत्र के लिए पांच नवंबर को प्रस्तावित परीक्षा के लिए रिकॉर्ड 1,85,762 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है।
महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक होड़
शिक्षा मंत्रालय से मिलने वाली राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति लेने की सर्वाधिक होड़ महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में देखने को मिलती है। 2022-23 में महाराष्ट्र के 37730 तो छत्तीसगढ़ के 25070 बच्चों ने इस योजना का लाभ उठाया। पश्चिम बंगाल 24040, तमिलनाड़ 22801, मध्य प्रदेश 17459, राजस्थान 16035 जबकि बिहार के 14140 मेधावियों को पिछले साल यह वजीफा मिला। गुजरात 13536, केरला 13321 व कर्नाटक के 13075 विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति मिली।
इस तरह बढ़ी संख्या
वर्ष विद्यार्थी
2019-20 3676
2020-21 5141
2021-22 5772
2022-23 9837
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