एनपीएस कटौती की उठी उच्चस्तरीय जांच की मांग
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प्रयागराज : शिक्षकों, कर्मचारियों की एनपीएस कटौती की धनराशि को बिना उनकी सहमति से प्राइवेट कंपनियों में निवेश करने सहित अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से मुलाकात की। शिक्षक संघ के प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव के नेतृत्व में शिक्षकों ने मांग की कि कुशीनगर, कासगंज, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, प्रयागराज, वाराणसी, इटावा सहित विभिन्न जनपदों में जो इस तरह के प्रकरण प्रकाश में आए हैं उनकी उच्चस्तरीय जांच की जाए।
संगठन के प्रदेश आय-व्यय निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एनपीएस से संबंधित इस तरह के प्रकरण प्रकाश में आने से पुरानी पेंशन की मांग को और भी बल मिल रहा है क्योंकि एनपीएस पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित है। जिसमें पूंजी कभी भी डूब सकती है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के बाद शीघ्र दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मामले की जिला स्तर पर जांच हो रही है। कई जिलों से एनपीएस में गंभीर वित्तीय अनियमितता के मामले की शिकायत आ रही है। इस अवसर पर मिथिलेश मौर्य, मो. जावेद, लाल मणि, चंद्रशेखर सिंह, अनुराधा, आशीष गुप्ता आदि मौजूद रहे।
शासन में उठेगा एनपीएस घोटाले का मामला
प्रयागराज । जिले के सैकड़ों एडेड शिक्षकों-कर्मचारियों की एनपीएस के 80 करोड़ रुपये से अधिक निजी कंपनी में निवेश करने का मामला सोमवार को प्रमुख सचिव के साथ शिक्षक प्रतिनिधियों की होने वाली बैठक में उठेगा।
पूर्व एमएलसी व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षक समस्याओं के समाधान के लिए सोमवार को प्रमुख सचिव के साथ वार्ता होनी है। उसमें शिक्षकों की सेवा सुरक्षा, पुरानी पेंशन सहित अन्य मुद्दों के साथ-साथ प्रयागराज में एनपीएस के फंड को निजी फंड मैनेजर को सौंपने की मनमानी का मुद्दा भी शासन के सामने रखूंगा।
सरकार से मांग करूंगा कि एनपीएस के फंड की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। यह पूरा एनपीएस ही घोटाला है और इसे वापस लेकर सरकार पुरानी पेंशन ही दे ।
प्रयागराज । जिले के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों की पेंशन की रकम निजी कंपनी में निवेशित करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबू आलोक गुप्ता को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है।
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) दिब्यकांत शुक्ल ने वरिष्ठ सहायक आलोक गुप्ता को डीआईओएस के यूजर आईडी एवं पासवर्ड का दुरुपयोग कर कुछ शिक्षकों-कर्मचारियों के एनपीएस खातों में निवेशित रकम को बिना उनकी सहमति के डिफाल्ट फंड से अन्य फंड में स्थानान्तरित करने का दोषी पाया है। कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के विरुद्ध कार्य करने पर आलोक गुप्ता को निलंबित करते हुए राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज अर्जुनपुरगढ़ा फतेहपुर से संबद्ध किया गया है। मामले की जांच मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक तनुजा त्रिपाठी को दी गई है। जानकारों की मानें तो इस मामले में एफआईआर भी कराने की तैयारी है।
माध्यमिक शिक्षक संघ ने चेताया
प्रयागराज प्रयागराज एडेड कॉलेजों के शिक्षकों के एनपीएस का धन प्राइवेट कंपनियों को बिना शिक्षकों की सहमति के स्थानांतरित करने के मामले में माध्यमिक शिक्षक संघ ने गंभीरता से लिया है। संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक दिव्यकांत शुक्ल, डीआईओएस पीएन सिंह व वित्त नियंत्रक पवन कुमार को ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई। मंडलीय मंत्री अनुज कुमार पांडेय, जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय, जिला मंत्री जगदीश प्रसाद, डॉ. चंद्रावर शुक्ला व सुधीर मिश्रा आदि ने चेतावनी दी कि शिक्षकों की पेंशन की रकम सात दिन में पूर्व फंड में स्थानान्तरित नहीं होने पर आंदोलन करेंगे। अनुज कुमार पांडेय ने बताया कि उन्होंने एनएसडीएल से संपर्क किया था। वहां से बताया गया यह काम डीआईओएस कार्यालय से ही हुआ है। बिना शिक्षक कर्मचारी के सहमति के ऐसा करना गलत है।
पेंशन की 80 करोड़ से अधिक राशि निजी कंपनी में ट्रांसफर
एडेड कॉलेजों के शिक्षकों-कर्मचारियों की एनपीएस में निवेशित 80 करोड़ से अधिक की रकम निजी कंपनी में ट्रांसफर करने की चर्चा है। कितने शिक्षकों और कर्मचारियों की राशि एक से दूसरे खाते में भेजी गई यह तो जांच का विषय है। बड़ी संख्या में शिक्षक-कर्मचारी ऐसे हैं जो एनपीएस का लेखाजोखा ऑनलाइन देख नहीं पाते लेकिन सूत्रों की मानें तो 80 करोड़ रुपये से अधिक निजी कंपनी के खाते में डाले गए हैं। इसके चलते शिक्षकों-कर्मचारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। आरोप है कि इस हेराफेरी के लिए निजी कंपनी के प्रतिनिधियों ने कमीशन के रूप में मोटी रकम दी है।
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