परिषदीय विद्यालयों में भारतीय संस्कृति प्रमुख पर्वो के अवकाश खत्म कर विद्यालय खोले जाने की समस्या को लेकर प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
असोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि सार्वजनिक अवकाश के दिनों ही शिक्षक पारिवारिक, सामाजिक एवं धार्मिक काम करता है। शिक्षकों की अपने माता - पिता, बच्चे और परिवार के प्रति कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, जिन्हें वह अवकाश के दिनों में निपटाता है। ऐसे में सार्वजनिक अवकाश पर विद्यालय खोले जाने को लेकर शिक्षकों में नाराजगी है।
उन्होंने पत्र लिखकर मांग की है कि शिक्षकों को इस वर्ष सार्वजनिक छुट्टी के दिन 5 जून, 21 जून, 29 जुलाई, 13 अगस्त और 1 अक्टूबर को विद्यालय बुलाया गया है। इनके वदले 5 अर्जित अवकाश मानव सम्पदा पोर्टल पर देने की मांग की है। विनय ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, होली भैयादूज, जमात उल विदा रमजान, नाग पंचमी, अनंत चतुर्दशी, पितृ विसर्जन अमावस्या, दोनों नवरात्रि प्रथम दिन अवकाश होता था।
उन्होंने इन अवकाश के दिनों को समाप्त करने वाले अधिकारियों की पृष्ठभूमि की जांच की मांग की है। उन्होंने गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, अम्बेडकर जयंती, गांधी जयंती, वल्लभ भाई पटेल जयंती पर विद्यालय खोले जाने की मांग की है ताकि छात्रों को इन दिनों के महत्व की जानकारी दी जा सके।
परिषदीय स्कूलों में आए दिन छुट्टियां रद्द होने से शिक्षक नाराज, सीएम योगी से इस रवैए पर रोक लगाने की मांग
लखनऊ। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने छुट्टियां रद्द करने व अवकाश में भी विद्यालय खोलने को लेकर नाराजगी जाहिर कर मुख्यमंत्री से इस पर रोक लगाने की मांग की है।
प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि अधिकारी सार्वजनिक अवकाश व रविवार को भी किसी न किसी आधार पर विद्यालय खोलने के आदेश जारी कर रहे हैं। हाल में 5 जून, 21 जून, 29 जुलाई, 13 अगस्त, 1 अक्तूबर को छुट्टी के बाद भी शिक्षकों को विद्यालय बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि 2017 के बाद अधिकारियों ने पर्वों का महत्व जाने बिना ही कई अवकाश रद्द कर दिए। छुट्टी रद्द होने के बाद भी अधिकांश विद्यार्थी विद्यालय नहीं आते, जबकि शिक्षकों को आना पड़ता है। इसलिए शिक्षकों को इसके बदले पांच अर्जित अवकाश दिए जाएं।
No comments:
Write comments