राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 28 जून 2018 की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद यूपी में डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) का क्रेज बढ़ गया है। प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों के बाहर होने के चलते अचानक से डीएलएड की मांग बढ़ी है। बदली परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश के 105 निजी कॉलेजों ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से डीएलएड की संबद्धता प्रदान करने के लिए आवेदन किया है।
पांच साल बाद नए प्राइवेट कॉलेजों ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य डीएलएड प्रशिक्षण के संचालन की अनुमति मांगी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने निजी कॉलेजों से डीएलएड की संबद्धता प्रदान करने के लिए 20 अक्तूबर तक जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) कार्यालय में आवेदन जमा करने को कहा था। निर्धारित तिथि तक प्रदेश के 31 जिलों से 105 निजी कॉलेजों ने आवेदन किया है जबकि 44 जिलों से आवेदन की संख्या शून्य है।
इनमें सर्वाधिक 24 कॉलेज गाजीपुर और 16 आजमगढ़ के हैं। प्रयागराज से चार संस्थाएं संबद्धता के लिए आगे आई हैं। डीएलड के लिए मान्यता एनसीटीई जबकि संबद्धता राज्य सरकार प्रदान करती है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के अनुसार इससे पहले आखिरी बार मार्च 2018 में 2018-19 सत्र के लिए संबद्धता आदेश जारी हुए थे। वर्तमान में 2974 निजी डीएलएड कॉलेज में 2,22,750 सीटें हैं। गौरतलब है कि 11 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले इस साल 28 निजी कॉलेजों ने डीएलएड में प्रवेश लेने से इनकार कर दिया था।
31 जनवरी तक जारी होंगे संबद्धता आदेश
प्रयागराज में जिला स्तरीय समिति स्थलीय निरीक्षण के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को 22 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट भेजेगी। 12 दिसंबर तक राज्य स्तरीय समिति की बैठक होगी और दस जनवरी तक शासन स्तर से निर्णय होगा। उसके बाद 31 जनवरी 2024 तक संबद्धता आदेश जारी होंगे।
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