राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के 126 पद खाली, लंबे समय से डीपीसी न होने के कारण फंसी पदोन्नति
प्रयागराज । प्रदेश के 126 राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्यों माध्यम से प्राचार्य के पदों पर भर्ती के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। लंबे समय से डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण प्राचार्य के पद पर पदोन्नति अटकी है। कुछ कॉलेजों में विवाद के कारण पूरी प्रक्रिया फंसी हुई है।
प्रदेश में कुल 171 राजकीय महाविद्यालय हैं। इनमें से 126 महाविद्यालयों के प्राचार्यों के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण तकरीबन 74 फीसदी पद खाली पड़े हैं और ऐसे कॉलेज अब कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में तो परीक्षा के होती है लेकिन राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य के पद पदोन्नति के जरिये भरे जाते हैं।
उच्च शिक्षा निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए लंबे समय से डीपीसी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इसी वजह से शिक्षकों की पदोन्नति अटकी हुई है और प्राचार्य के पद रिक्त हैं। कुछ कॉलेजों में तो जूनियर शिक्षकों को प्राचार्य जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अनुभवी प्राचार्यों के न होने से प्रशासनिक और अकादमिक कार्य लगातार प्रभावित हो रहे हैं।
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