बेसिक शिक्षा : इंटरनेट और सिम खर्च के बाद अब आईडी पर लड़ाई
विभाग ने ₹1500 डेटा व सिम के लिए किया तय, शिक्षकों ने सिम खरीदने से किया इनकार
सरकारी व्यय में अपनी निजी आईडी देने को तैयार नहीं शिक्षक
लखनऊ: परिषदीय विद्यालयों में 20 नवंबर से लगने वाली ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर संशय बरकरार है। ऑनलाइन उपस्थिति लगाने के निर्देश के बाद शिक्षकों ने बुधवार को इंटरनेट और सिम की मांग की थी। जिस पर विभाग ने कंपोजिट ग्रांट से इंटरनेट और सिम पर होने वाले खर्च की अनुमति दे दी। लेकिन, शिक्षक किस आईडी पर सिम खरीदेंगे, इसको लेकर संशय है। ट्रांसफर पर सिम विद्यालय में ही छूट जाने को लेकर शिक्षकों ने अपनी आईडी से सिम खरीदने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में 20 नवंबर से लगने वाली ऑनलाइन हाजिरी पर एक बार फिर पेंच फंसता नजर आ रहा है।
शिक्षकों ने बुधवार स्मार्ट फोन से ऑनलाइन हाजिरी लगाने को लेकर निदेशालय के आदेश पर विरोध दर्ज कराया था। शिक्षकों की मांग थी कि उन्हें इंटरनेट और सिम पर होने वाला खर्च कहाँ से होगा? इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। साथ ही शिक्षकों ने प्रशिक्षण न दिए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए थे। इसके बाद राज्य परियोजना निदेशालय के निदेशक विजय किरण आनंद ने गुरुवार कंपोजिट ग्रांट से सिम कार्ड और इंटरनेट पर होने वाले खर्च के लिए 1500 रुपये की मंजूरी दे दी। उन्होंने शिक्षकों को कंपोजिट ग्रांट का आने के बाद नवंबर महीने से मार्च 2024 तक का पूरा खर्च देने के निर्देश जारी कर दिए। लेकिन, शिक्षकों ने अब सिम कार्ड खरीदने के लिए लगने वाली आईडी को लेकर पेंच फंसा दिया है।
सरकारी व्यय में आईडी देने को तैयार नहीं शिक्षक
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष - सुधाशु मोहन ने कहा कि विभाग ने इंटरनेट और सिम कार्ड 1500 रुपये देने का ऐलान किया है लेकिन, सिम कार्ड किसकी आईडी पर आएगा ? इसकी सूचना नही दी है। कपोजिट ग्रांट का पैसा नहीं आया है। शिक्षक अपना पैसा लगाकर सिम नही खरीदेगा। शिक्षक अपनी आईडी पर सिम खरीदेगा तो वह सरकारी संपत्ति में शामिल हो जाएगा। ऐसे में ट्रांसफर होने पर शिक्षक की आईडी पर सिम चलेगा। उसके गलत इस्तेमाल पर शिक्षक की जवाबदेही तय होगी।
शिक्षकों ने अपनी आईडी पर सिम लेने से इनकार कर दिया है। सुधांशु मोहन ने अन्य विभागों की तरह सीयूजी नंबर वाले सिम जारी करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पहले भी मरम्मत काम में शिक्षकों का लगा पैसा अभी तक नहीं मिला है। ऐसे में जब तक कंपोजिट ग्रांट का पैसा नहीं आता, तब तक शिक्षक सिम नहीं खरीदेंगे। विभाग टेबलेट की तरह सिम की भी व्यवस्था कराएं, अन्यथा ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगेगी।
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