69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में रिट कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर अफसरों पर तय होंगे आरोप, 22 नवंबर तक ब्योरा पेश करने के लिए मिला समय
लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में राज्य सरकार को रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर 22 नवंबर तक ब्योरा पेश करने के लिए और समय मिल गया है।
इससे पहले मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। मगर सरकार पेश नहीं कर सकी।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने कहा कि अगर 22 नवंबर तक रिट कोर्ट के आदेश का पालन न हुआ या सरकारी वकील, अपील में पारित होने वाला आदेश प्रस्तुत न कर पाए तो ये अधिकारी उस दिन भी पेश होंगे। इन पर अवमानना का आरोप भी तय किया जा सकता है। यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया।
याची का कहना था कि 20 दिसंबर 2021 को शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर रिट कोर्ट ने उनकी शरण में आए अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक प्रदान करते हुए मेरिट के अनुसार नियुक्ति का आदेश दिया था। पर, अभी तक रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। वहीं, इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका भी खारिज हो चुकी है।
आदेश का अनुपालन नहीं होने से करीब 1000 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। इसे रिट कोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए अवमानना याचिका दाखिल की गई। सुनवाई के समय सरकारी वकील ने कहा कि मामले में कई अपीलें नामित बेंच के समक्ष 20 नवंबर को सूचीबद्ध हैं। उस दिन अपीलें निस्तारित हो सकती हैं।
ऐसे में आखिरी मौका देकर इस अवमानना मामले को मुल्तवी करने का आग्रह किया उधर, याची के अधिवक्ता अमित कुमार सिंह भदौरिया ने इसका विरोध किया। कहा, पिछली तिथियों पर सिर्फ यही कहकर केस को मुल्तवी कराया गया कि अपीलें विचाराधीन हैं। कोर्ट ने सरकारी वकील के आग्रह पर सख्त आदेश देते अगली सुनवाई 22 नवंबर को नियत की है।
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