10 से 15 दिसंबर के बीच यूपी बोर्ड जारी करेगा परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची
प्रयागराज। यूपी बोर्ड नकल विहीन परीक्षा के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में में जुटा है। । 10 से 15 दिसंबर तक बोर्ड पूरे प्रदेश में परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी कर देगा।
इस बार जिलेवार रिपोर्ट के अनुसार कुल 7864 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित हैं। 2023 की तुलना में बने केंद्रों से यह संख्या 889 कम है। इस सूची में 2023 में डिबार किए गए केंद्रों की भी जांच की जा रही है, ताकि सूची फाइनल की जा सके।
उधर, परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के लिए सुविधाओं और व्यवस्थाओं की नियमावली जारी कर दी गई है। साथ ही केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे और स्ट्रांग रूम को दुरुस्त करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। केंद्रों के निर्धारण के लिए गठित टीम वहां जाकर प्राथमिक सुविधाओं की जांच करेगी।
सूबे के 7864 केंद्रों पर होगी यूपी बोर्ड की परीक्षा, परिषद ने जारी की केंद्रों की प्रस्तावित सूची
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने बोर्ड परीक्षा-2024 की तारीख तो अभी घोषित नहीं की है, लेकिन परीक्षा केंद्रों की प्रस्तावित सूची गुरुवार को जारी कर दी है। इस बार सूबे के 7864 केंद्रों पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने की तैयारी है। वर्ष 2023 में 8753 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। यानी पिछले साल की तुलना में इस बार 889 सेंटर कम कर दिए गए हैं।
बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल की ओर से गुरुवार को जारी केंद्रों की प्रस्तावित सूची के अनुसार 1017 राजकीय स्कूल, 3537 एडेड विद्यालयों और 3310 वित्तविहीन स्कूलों को सेंटर बनाया गया है। बोर्ड परीक्षा 2024 (हाईस्कूल और इंटरमीडिएट ) के लिए तकरीबन 55,08,206 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।
छह साल में दोगुने से ज्यादा राजकीय के हुए सेंटर
परीक्षा में पारदर्शिता के लिए बोर्ड ने राजकीय विद्यालयों पर भरोसा जताया है। इसकी बानगी पिछले छह साल के आंकड़े में देखने को मिल रही है। वर्ष 2018 में 484 राजकीय विद्यालयों को सेंटर बनाया गया था। वर्ष 2024 में 1017 राजकीय विद्यालय को सेंटर बनाए गए हैं। इसी प्रकार 2018 में एडेड के 3414 सेंटर बनाए गए थे। वर्तमान में 3537 सेंटर बनाए गए हैं। यानी छह साल में 123 एडेड विद्यालय बढ़े हैं। वहीं, 2018 में 8549 वित्तविहीन विद्यालय में सेंटर बनाए गए थे। इस साल यह संख्या 3310 हो गई है। यानी छह साल में वित्तविहीन विद्यालयों में तकरीबन तीन गुना सेंटर कम कर दिए गए हैं।
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