संपूर्णानंद संस्कृत विवि को मिलेगा राष्ट्रीय दर्जा, बदलाव के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने शुरू की पहल
विश्वविद्यालय के अभ्युदय और उत्थान के लिए कुलपति और राज्यमंत्री ने की चर्चा
जल्द शुरू होगा ज्योतिष परामर्श केंद्र, काशी के स्वरूप में होंगे द्वार
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय फलक तक ले जाने की केंद्र और प्रदेश सरकार ने पहल शुरू कर दी है। जल्द ही विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर की संस्था का दर्जा भी मिल जाएगा, हालांकि यह राज्य सरकार से ही संबद्ध रहेगा। इससे विश्वविद्यालय में अनुदान और वित्तीय समस्या का समाधान आसानी से हो सकेगा। बुधवार को | राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने इस विषय के साथ ही विकास के मुद्दों लपति से चर्चा की।
राज्यमंत्री ने बताया कि चारों प्रवेश द्वार को काशी के स्वरूप में निर्मित किया जाएगा। जल्द ही ज्योतिष परामर्श केंद्र की शुरुआत होगी, इससे जरूरतमंदों को सही ज्योतिषीय परामर्श मिल सकेगा। विधायक निधि से मिले 25 लाख रुपये से इसका निर्माण कराया जा रहा है। जल्द ही इसका संचालन भी शुरू हो जाएगा। परिसर के विकास में जो भी बाधाएं हैं उसे दूर करने के लिए अध्ययन करने के बाद कार्ययोजना तैयार की गई है।
कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा और कुलसचिव राकेश कुमार के साथ मंथन के दौरान राज्यमंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजलापूर्ति के लिए आरओ मशीन, सीवर लाइन को ठीक कराने के साथ ही छात्रावासों में स्मार्ट डस्टबिन रखे जाएंगे। सड़कों का भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा।
10 पाठ्यक्रमों से जुड़े सात सौ अभ्यथी
राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के स्टूडियो का निरीक्षण किया। बताया कि केंद्र से संचालित होने वाले 10 पाठ्यक्रमों में देश भर से 700 आवेदन पंजीकृत हो चुके हैं। पाठ्यक्रम के माध्यम से घर बैठे ज्योतिष, कर्मकांड, वास्तु और अन्य शास्त्रों का अध्ययन किया जा सकेगा। इसकी ऑनलाइन कक्षाएं जल्द चलेंगी।
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