एक हफ्ते के अंदर प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में बायोमीट्रिक व्यवस्था लागू नहीं होने पर प्राचार्य होंगे जिम्मेदार
आदेश 'का पालन न किए जाने पर संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा ने पत्र लिखकर जताई नाराजगी
प्रयागराज। प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इसे सुनिश्चित करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके लिए सीधे तौर पर प्राचार्यों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
महाविद्यालयों में बायोमीट्रिक माध्यम से उपस्थिति की व्यवस्था लागू करने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से लगातार पत्र भी जारी किए गए। इसके बावजूद कॉलेजों में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। इस पर संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. केसी वर्मा की ओर से कॉलेजों को कठोर पत्र लिखा गया है। साथ ही नाराजगी जताई गई है।
पत्र में एक सप्ताह के भीतर सभी के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इसकी सूचना भी देने के लिए कहा है। पत्र में लिखा गया है कि ऐसा न होने पर प्राचार्य सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
बायोमीट्रिक हाजिरी को लेकर शासन सख्त, एक सप्ताह में अनिवार्य करें राजकीय व एडेड महाविद्यालय
लखनऊ। शासन ने सभी राजकीय व एडेड महाविद्यालयों में शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। प्रदेश के कई कॉलेजों में यह व्यवस्था प्रभावी न बनाने पर नाराजगी जताते हुए उन्हें एक सप्ताह का वक्त दिया है। व्यवस्था प्रभावी न होने पर प्राचार्य का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
शासन ने वर्तमान सत्र की शुरुआत में ही निर्देश दिए थे कि सभी राजकीय महाविद्यालयों, सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से शुरू की जाए। विश्वविद्यालयों में तो इसका अनुपालन किया जा रहा है लेकिन कॉलेजों में नहीं।
ऐसे हालात तब हैं जब विद्यार्थियों के लिए 75 फीसदी उपस्थिति होने पर ही परीक्षा में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. केसी वर्मा ने सभी राजकीय व एडेड कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजे कहा है कि नई व्यवस्था तत्काल शुरू की जाए।
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