98% से अधिक शिक्षकों ने नहीं दर्ज की आनलाइन उपस्थिति
लखनऊ : सात जिलों के परिषदीय स्कूलों के शिक्षक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था को खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। इन जिलों में कुल 80192 शिक्षकों में से सिर्फ 1211 शिक्षकों ने ही आनलाइन हाजिरी लगाई है। महज डेढ़ प्रतिशत शिक्षकों ने ही इस व्यवस्था का पालन किया और बाकी ने बहिष्कार किया। इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। इन्हें निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षकों के साथ सख्ती से निपटा जाए। उधर, मंगलवार को भी शिक्षकों ने इसका विरोध जारी रखा।
सीतापुर में 17522 शिक्षकों में से 701, उन्नाव में 12374 शिक्षकों में से 247, लखनऊ में 7286 अध्यापकों में से 73, हरदोई में 15203 अध्यापकों में से 152, श्रावस्ती में 3870 में से 38 और रायबरेली व लखीमपुर खीरी में एक भी शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की। सीतापुर में सिर्फ चार प्रतिशत, उन्नाव में दो प्रतिशत, लखनऊ, हरदोई व श्रावस्ती में एक-एक प्रतिशत तथा रायबरेली व लखीमपुर में यह आंकड़ा शून्य रहा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों ने रवैया नहीं बदला तो कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। यही नहीं, इन जिलों के कुल 25698 स्कूलों में से छह प्रतिशत स्कूलों में ही उपस्थिति सहित 12 डिजिटल रजिस्टर पर सूचनाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
उधर, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि दूसरे दिन भी शिक्षकों के मत संग्रह का अभियान जारी रहा। दूसरे दिन व लखनऊ में 720, रायबरेली में 1,186, श्रावस्ती में 1,935, सीतापुर में 7,291 और हरदोई में 2,769 शिक्षकों ने इसके विरोध में हस्ताक्षर किए। दो दिनों में करीब 70 प्रतिशत तक शिक्षक इसके विरोध हस्ताक्षर कर चुके हैं।
शिक्षकों के विरोध के चलते नहीं शुरू हो सकी टैबलेट वाली नई व्यवस्था, विरोध जारी रखने का एलान
शिक्षकों के विरोध के चलते नहीं शुरू हो सकी टैबलेट वाली नई व्यवस्थादशकों से चली रहा रजिस्टर पर हाजिरी जैसी व्यवस्था को बदलकर डिजिलाइजेशन किया जा रहा है। लेकिन शिक्षक नई व्यवस्था को लेकर शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि यह नई व्यवस्था अव्यहारिक है
शिक्षकों के विरोध के कारण सोमवार को पहले ही दिन परम्परागत रजिस्टरों की जगह टैबलेट का प्रयोग नहीं हो सका। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सात जिलों लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई ,उन्नाव, रायबरेली एवं श्रावस्ती में प्रयोग के तौर पर 20 नवम्बर से 12 पंजिकाओं की जगह टैबलेट इस्तेमाल करने की डेट लाइन तय की थी। स्कूलों में उन्हें आवंटित एक से दो टैबलेट दे भी दिए जा चुके हैं लेकिन शिक्षकों के भारी विरोध के कारण आज से यह प्रारम्भ नहीं हो सका। हालांकि विभाग की ओर से भी टैबलेट संचालित करने के लिए जो कम्पोजिट ग्रांट दिए जाने की घोषणा की गई थी, वह भी स्कूलों को अभी तक नहीं भेजा जा सकी है।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद की ओर से 10 नवंबर को जारी पत्र में बेसिक स्कूलों की पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन के निर्देश दिए गए थे। निर्देश में टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर शैक्षिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं अन्य कार्यों के साथ-साथ विद्यालय स्तर पर प्रयोग की जानी वाली 12 पंजिकाओं को डिजिटाइजेशन के निर्देश थे। इसके तहत प्रेरणा पोर्टल पर स्कूल की उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टाक पंजिका का अपलोड कर आनलाइन ही पूरा विवरण दर्ज किया जाना है। इसके लिए सभी विद्यालयों को टैबलेट भी प्रदान किए गए हैं। फिलहाल सात जिलों में इसे 20 नवम्बर से प्रयोग के रूप में शुरू किया जाना था लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण आज यह शुरू नहीं हो सका।
छुट्टी के बाद भी स्कूल में रुकेंगे शिक्षक
इस व्यवस्था की साथ एक अन्य नई व्यवस्था को भी लागू करने के निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके तहत बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की दोनों समय हाजिरी लगाने को कहा गया है। साथ ही सुबह 15 मिनट देर से पहुंचने की दशा में उनका पूरे दिन का वेतन काटे जाने का प्रावधान किये जाने तथा छुट्टी के बाद भी हाजिरी के पश्चात 15 मिनट बाद तक स्कूल में रुकने के निर्देश दिए गए है। नई व्यवस्था के तहत प्रेरणा पोर्टल पर सर्दियों में पौने नौ बजे से 9 बजे तक तथा ग्रीष्म ऋतु में एक अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह पौने आठ बजे से 8 बजे तक पोर्टल खुलेगा। इसी तरह छुट्टी के बाद सवा दो बजे से ढाई बजे और सर्दियों में शाम सवा तीन से साढ़े तीन बजे तक पोर्टल पर हाजिरी लगेगी। इसके बाद पोर्टल काम करना बंद कर देगा। एमडीएम का भी विवरण दोपहर 12 से 12.30 बजे तक दर्ज हो सकेगा।
शिक्षकों द्वारा विरोध जारी रखने का ऐलान
दिसंबर से पूरे प्रदेश के सभी जिलों में यह व्यवस्था प्रभावी होगी। इसके लिए आदेश भी जारी किया जा चुका है। शिक्षक संगठनों ने नई व्यवस्था को अव्यावहारिक बताते हुए विरोध का ऐलान कर दिया है। प्राथमिक शिक्षक संघ ने सातों जिलों के संघ की ब्लॉक कार्यसमिति के पदाधिकारियों से कहा है कि 20, 21 व 22 नवंबर को दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक बीआरसी पर उपस्थित रहकर संबंधित ब्लाक के शिक्षकों से एक पंजिका पर मत प्राप्त करेंगे। इसके बाद किसी भी तिथि में शिक्षक ब्लॉक संसाधन केंद्र पर उपस्थित होकर अपने मत के अनुसार आपकी पंजिका में हस्ताक्षर करेंगे। इस प्रकार शिक्षकों द्वारा प्रदत्त मत के बहुमत के आधार पर ही आगामी निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था पहले दिन ही धड़ाम
विद्यालयों में कहीं नेटवर्क तो कहीं सर्वर बना बाधा, शिक्षक भी उतरे विरोध में
ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में शिक्षक और संगठन हो रहे लामबंद
जिला समेत ब्लॉक मुख्यालयों पर बैठक कर जताया विरोध
बीआरसी पर किया प्रदर्शन नारेबाजी कर जताया विरोध
कहा- समस्याओं पर ध्यान न देकर अनावश्यक आदेश जारी किए जा रहे
शुरू हुई शिक्षकों की रियल टाइम हाजिरी, विरोध भी
बड़ा सवाल : शिक्षकों की मांगों पर कब होगी कार्यवाही?
लखनऊ। शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध के साथ ही उनकी अन्य मांगें तेज हो गई हैं। सोमवार को प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि पुरानी पेंशन, पदोन्नति, परस्पर तबादले, कैशलेस चिकित्सा, अर्जित अवकाश आदि पर विभाग कब निर्णय लेगा। पदोन्नति व तबादले की प्रक्रिया छह या आठ माह से चल रही है। इस मामले में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? वहीं, रियल टाइम हाजिरी पर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कहा कि नई व्यवस्था की शुरुआत हुई है। डिजिटलाइजेशन में सभी को सहयोग करना चाहिए। इसका सभी को लाभ होगा।
लखनऊ। बेसिक विद्यालयों में टैबलेट वितरण के बाद पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सोमवार से आधा दर्जन से अधिक जिलों में शिक्षकों- छात्रों की प्रेरणा एप पर रियल टाइम उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि शिक्षक संघों ने इसके विरोध का आह्वान किया था। इसके बाद सर्वे में अधिकतर शिक्षकों ने भी विरोध किया। कुछ जगह प्रदर्शन भी हुए।
विभाग की ओर से सोमवार से लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, हरदोई, श्रावस्ती, लखीमपुर व उन्नाव में शिक्षकों-छात्रों की ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे। शिक्षक नेताओं का दावा है कि अधिकतर स्कूलों में इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। कुछ एक शिक्षकों ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से सर्वे भी कराया गया। संघ का दावा है कि उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली आदि जिलों में शिक्षकों ने इसे अव्यावहारिक बताया। दावा किया कि लखनऊ में लगभग 4800 में से 2903 शिक्षकों ने असहमति जताई है। बाकी ने कोई पक्ष नहीं दिया। किसी शिक्षक ने इसके पक्ष में अपना मत नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि 22 नवंबर तक शिक्षकों के मत लेने के बाद इसके मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी आदेश दिए हैं। आदेश को लेकर प्रदेश भर में शिक्षक लामबंद होने लगे हैं। शिक्षक बैठक में शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी का विरोध जताया। कहा कि स्कूल के प्रधानाध्यापकों से व्यक्तिगत सिम खरीदने के लिए विभाग बाध्य कर रहा है। उनका कहना है कि प्रधानाध्यापकों को सीयूजी सिम दिए जाएंगे। इसके बाद सरकारी कार्य लिए जाएं। लेकिन विभाग उस पर तैयार नहीं है। शिक्षकों ने एलान किया कि जब तक विभाग शिक्षकों को सीयूजी नंबर नहीं जारी करेगा, तो वो अपने नाम से सिम नहीं लेंगे।
विरोध में शिक्षक संघ डालेगा स्कूलों में ताले
लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर राजधानी के सभी विकासखंडों में शिक्षकों ने मत संग्रह कर अपनी आईडी पर सिम लेने से इनकार कर दिया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि मोहनलालगंज से 392, गोसाईगंज से 523, चिनहट से 125, बीकेटी से 430, माल से 290, मलिहाबाद से 280, काकोरी से 310, सरोजनीनगर से 410 और नगर क्षेत्र के 143 शिक्षकों ने मत संग्रह पर हस्ताक्षर करते हुए घोषणा की है कि भविष्य में महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से शिक्षकों के संबंध में कोई कार्रवाई रवाई हुई हुई तो शिक्षक मिलकर स्कूलों में ताला लगा देंगे। बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों को टैबलेट और स्मार्टफोन दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि शिक्षक अपनी आईडी पर सिम खरीदकर इनमें प्रयोग करें। शिक्षक इसी का विरोध कर रहे हैं।
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