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Thursday, November 9, 2023

पारस्परिक स्थानांतरण तो मिला नहीं, वरिष्ठता सूची में गड़बड़ियों के चलते पदोन्नति पर भी संशय

पदोन्नति और सूची में गड़बड़ी के खिलाफ धरने और ज्ञापन पर शिक्षक


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में पदोन्नति की उम्मीद कर रहे शिक्षकों को एक बार फिर झटका लगा है। जहां समय पर पदोन्नति न होने और सूची में गड़बड़ी से नाराज शिक्षक बस्ती में धरने पर बैठे हैं। वहीं शामली, रामपुर आदि जिलों में बीएसए को ज्ञापन देकर प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग की है। गौरतलब है कि पदोन्नति की प्रक्रिया फरवरी से चल रही है, लेकिन यह पूरी नहीं होती दिख रही है। हाल ही में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी बीएसए को पुनः निर्देश दिया कि वरिष्ठता सूची अपडेट करते हुए आठ नवंबर तक पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करें। जबकि बुधवार को यह तिथि भी बीत गई और कई जिलों में प्रक्रिया अभी चल ही रही है।


पारस्परिक स्थानांतरण तो मिला नहीं, वरिष्ठता सूची में गड़बड़ियों  के चलते पदोन्नति पर भी संशय


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद पारस्परिक अंतरजपदीय व पारस्परिक अंतः जनदीय जोड़ा (पेयर) बनाए शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानांतरण नहीं कर सका है और अब पदोन्नति की प्रक्रिया में वरिष्ठता सूची पर भी प्रश्न उठ गए हैं। कई जिलों में शिक्षक व शिक्षिकाएं वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाकर धरने पर बैठे हैं। मांग है कि गड़बड़ी ठीक कर वरिष्ठता सूची बनाई जाए। ऐसे में आठ नवंबर को पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण किए जाने पर संशय है।


परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए आठ नवंबर समय सीमा तय की है। इसके लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं की अंतिम वरिष्ठता सूची तैयार कराई गई। कुछ जिलों की वरिष्ठता सूची अपलोड नहीं होने से शिक्षक शिक्षिकाओं में नाराजगी है, साथ ही कुछ जिलों की वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी सामने आई है।


 देवरिया के बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को सात नवंबर को पत्र लिखकर बताया है कि 30 अक्टूबर तक अंतिम ज्येष्ठता सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक सूचना अप्राप्त है। ऐसे में संशोधित प्रारूप पर तत्काल सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। 


उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि अधिकांश जनपदों में शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची में विसंगति है तथा कई जनपदों की सूची ही अपलोड नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी शिक्षकों की समस्याओं का निदान करने के बजाय और उलझा रहे हैं। यही कारण है कि कई वर्षों से न तो पदोन्नति हुई और न ही शिक्षकों का जनपद के अंदर पारस्परिक स्थानांतरण हुआ।


बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया 'मजाक, शासन के निर्देशों पर फिसड्डी रह अपनी ही किरकिरी करा रहा है विभाग


बेसिक शिक्षा विभाग अपने दावों पर खरा साबित नहीं हो सका। जिसके चलते करीब महीनों पूर्व शुरू की गई प्रमोशन प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। शिक्षकों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि छह माह गुजरने को है लेकिन विभाग अब तक प्राथमिक सहायक शिक्षकों के प्रमोशन नहीं कर पाया है। विभाग ने संघ के धरने के बाद आठ नवंबर तक प्रमोशन प्रक्रिया करने का भरोसा दिया था।


बेसिक शिक्षा विभाग ने कुछ माह पूर्व बड़े तामझाम से प्रमोशन प्रक्रिया शुरू की थी। कहा गया था कि पहले प्राथमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की जाएगी। बीएसए को ज्येष्ठता सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए। कई माह तक ज्येष्ठता सूची बनती रही। एक के बाद एक आदेश निकाल कर विभाग पदोन्नति प्रक्रिया को लंबा खींचता रहा।


किसी तरह ज्येष्ठता सूची तैयार हुई लेकिन इसके बाद से विभाग ने प्रमोशन की दिशा में कोई काम नहीं किया। बीते माह प्राथमिक शिक्षक संघ के धरने के बाद विभाग ने 8 नवंबर तक पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का भरोसा दिया था। सचिव ने एक प्रारूप जारी कर उसी के अनुरूप ज्येष्ठता सूची अपलोड करने का निर्देश भी दिया।


अब तक  बेसिक शिक्षा विभाग कई बार डेडलाइन जारी कर चुका लेकिन किसी पर भी खरा नहीं उतरा। शिक्षकों का कहना है कि जब समय पर प्रमोशन नहीं करना था तो फिर प्रक्रिया शुरू कर शिक्षकों का मानसिक शोषण क्यों किया गया। जैसे बिना प्रमोशन एक दशक से अधिक का समय कटा, वैसे आगे भी कट जाएगा।


अपनी ही किरकिरी करा रहा है विभाग !

शिक्षक कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि सभी विभाग 30 सितंबर तक प्रमोशन प्रक्रिया पूरी कर लें लेकिन यहां | प्रक्रिया पूरी करने की छोड़िए, अब इस पर कोई बात भी नहीं की जा रही है। अफसरों ने कई माह से प्रक्रिया लटकाए रखी है। टीईटी को लेकर भी विभाग अब तक फैसला नहीं कर सका है। यह प्रकरण कोर्ट में भी गया था।



बेसिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची 25 जिलों की ही आई, विभाग ने आठ नवंबर तय की है पदोन्नति की डेडलाइन

पदोन्नति प्रक्रिया को हाल में आठ नवंबर तक पूरा करने की डेडलाइन तय की गई। किंतु शिक्षकों के अनुसार अभी तक मात्र 25 जिलों की ही वरिष्ठता सूची पोर्टल पर अपलोड हुई है। 


ऐसे में समय पर वरिष्ठता एक बार फिर से बीच मझधार में अटकती दिख रही है। विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति व जिले के अंदर और एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। 



नौ माह में भी शिक्षकों के तबादले की सीढ़ी नहीं चढ़ पाया बेसिक शिक्षा विभाग

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग नौ माह में भी शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका। बीते फरवरी महीने से शुरू तबादले की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है, नतीजा शिक्षक परेशान हैं। बताया जाता है कि इस लेट-फतीफी के पीछे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की घोर लापरवाही है। 


आलम यह है कि प्रदेश के 53 से अधिक जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी तय तिथि तक शिक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची भी अपलोड नहीं किया है जबकि 30 अक्तूबर तक वरिष्ठता सूची अपलोड करने की अन्तिम तिथि निर्धारित की गई थी। 


अधिकारियों की लापरवाही से नाराज बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हर हाल में 08 नवम्बर तक शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश जारी किये हैं।

विभागीय 'सूत्र बताते हैं कि पोर्टल पर अभी तक मात्र 22 जिलों ने सूत्र वरिष्ठता सूची अपलोड की है। मजे की बात यह है कि अपलोडेड इन वरिष्ठता सूचियों में भी बड़ा घालमेल है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने जमकर मनमानी की है। 


कुछ जिलों ने जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड किया है कुछ जिलों ने चयन गुणांक के आधार पर इसे तैयार कर पोर्टल पर अपलोड किया है। ऐसे में जिले के अन्दर और जिले के बाहर पारस्परिक (म्यूचुअल) तबादले की प्रक्रिया के लम्बे समय तक लटने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

इन जिलों के बीएसए ने अब तक अपलोड की है शिक्षकों की वरिष्ठता सूची

प्रदेश के 22 जिले ऐसे हैं जिनकी वरिष्ठता सूची पोर्टल पर अपलोड की गई है। इसमें गोरखपुर, बदायूं, बागपत, बांदा, चन्दौली, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, गोण्डा, हापुड़, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, सहारनपुर, सम्भल, शाहजहांपुर, शामली, सिद्धार्थनगर तथा सीतापुर के नाम शामिल हैं।


विभाग की ओर से भी हो रही हैं लापरवाही

विभागीय स्तर पर भी इस मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है। नौ माह बीतने के बाद भी विभाग अब तक यह तय नहीं कर सका है कि पदोन्नति के लिए जूनियर का टीईटी ( शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्य किया जायेगा या नहीं। इससे शिक्षकों के बीच असमंजष की स्थिति बनी हुई है।


बार-बार तिथि बढ़ाये जाने के बाद भी अभी तक सभी जिलो की वरिष्ठता सूची अपलोड नहीं हो पाई है। जिन जिलों ने वरिष्ठता सूची अपलोड की है उसमें भी एकरूपता नहीं है । कुछ जिले नियुक्ति तिथि समान रहने पर चयन गुणांक को आधार बना रहे हैं तो कुछ नियुक्ति तिथि समान रहने पर जन्म तिथि को आधार बना रहे हैं। पदोन्नति प्रक्रिया जल्द पूर्ण हो इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी होने चाहिए और इसमें हीला हवाली करने वालों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। –निर्भय सिंह, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक - शिक्षक संघ

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