शिक्षक संगठनों के कड़े विरोध और सोशल मीडिया पर फजीहत के बाद बैकफुट पर आईं सीडीओ, अब बीडीओ करेंगे मॉनीटरिंग
शिक्षक संगठनों ने हाजिरी रोजगार सेवक से प्रमाणित करने पर जताई थी आपत्ति
कड़े विरोध के बाद सीडीओ बोलीं- मिस प्रिंट हो गया था आदेश
सीतापुर। शिक्षकों की रोजाना हाजिरी पंचायत सहायक से लेने के आदेश के एक दिन बाद सीडीओ बैकफुट पर आ गईं। इस आदेश का शिक्षकों ने कड़ा विरोध किया था। सीडीओ ने कहा कि आदेश मिस प्रिंट हो गया था। बीडीओ इसकी मॉनीटरिंग करेंगे।
सीडीओ निधि बंसल ने बुधवार को एक आदेश पारित किया था। इसमें कहा था कि पंचायत सहायक प्रतिदिन बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की हाजिरी सुबह नौ बजे लेंगे। अगर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक नहीं है तो ग्राम रोजगार सेवक यह काम करेंगे। इस आदेश के बाद शिक्षक संगठनों ने ऐतराज जताया था।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रवींद्र दीक्षित ने कहा था हमें हाजिरी की मॉनीटरिंग से कोई आपत्ति नहीं है। बस किसी कैडर के अफसर से हाजिरी प्रमाणित कराई जाए।
वहीं सोशल मीडिया पर इस आदेश की खूब खिल्ली उड़ी थी। इस कड़े विरोध के बाद सीडीओ बैकफुट पर आ गईं। सीडीओ ने कहा आदेश मिस प्रिंट हुआ था। इसे संशोधित करके जारी किया जाएगा। बीडीओ रोजाना गूगल सीट पर इसकी जानकारी भरकर उपलब्ध कराएंगे।
अब संविदाकर्मी लगाएंगे हमारी हाजिरी...ये शिक्षकों का अपमान, शिक्षक और संगठन उबाल पर
सीतापुर। मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल ने बुधवार को संविदाकर्मियों को शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया। आदेश की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शिक्षकों ने नाराजगी व्यक्त करना शुरू कर दिया। इस आदेश के मुताबिक पंचायत सहायक प्रतिदिन अपनी ग्राम पंचायत में सुबह 9 बजे शिक्षकों की हाजिरी लगाएंगे।
जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक का पद रिक्त है, वहां पर ग्राम रोजगार सेवक गूगल शीट पर अध्यापकों की उपस्थिति दर्ज करेंगे। इसके बाद वह एक्सल शीट को प्रतिदिन जीपीएस फोटो के साथ खंड विकास अधिकारी कार्यालय को भेजेंगे। यदि कोई अध्यापक इस दौरान अनुपस्थित पाया गया तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सीडीओ के इस आदेश का शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ रवींद्र दीक्षित ने बताया कि यह शिक्षक समाज को अपमानित करने वाला आदेश है। हम निरीक्षण व उपस्थिति से भाग नहीं रहे हैं। कैडर बेस अधिकारियों को निरीक्षण में लगाया जाए जिससे सम्मान सुरक्षित रहे। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि अधिकारी शिक्षकों की गरिमा का ध्यान नहीं रख रहे हैं। शिक्षक जैसे सम्मानित पेशे की उपस्थिति जांचने के लिए संविदाकर्मियों को लगाना कितना उचित है?
शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि शासन हर स्तर पर शिक्षकों को अपमानित करने का प्रयास कर रहा है।
शिक्षक तंज कस रहे और कह रहे साहेब यह काम सफाई कर्मियों से ही कराते तो कम से कम इसी बहाने उनके स्कूल भी नियमित हो जाते साफ। 🙆
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