DGSE का आदेश दरकिनार, शिक्षक निदेशालय में संबद्ध
• संवद्ध शिक्षकों/कार्मिकों को कार्यमुक्त कर आख्या देने के दिए हैं निर्देश
• इसके चलते मूल विद्यालय/ कार्यालय में अनावश्यक रूप से उत्पन्न हो रही हैं समस्याएं
प्रयागराजः अनियमित रूप से जिला मुख्यालय, मंडल कार्यालयों एवं अन्य कार्यालयों में संबद्ध शिक्षक/कार्मिकों की संबद्धता महानिदेशक (डीजी) विजय किरन आनन्द के निर्देश के बावजूद खत्म नहीं की गई। शिक्षा निदेशालय तक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं शिक्षक संबद्ध बने हुए हैं। इस मामले कई शिकायतें मिलने के बाद डीजी ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पिछले महीने निर्देश दिए थे कि संबद्ध कार्मिकों को उनके मूल तैनाती स्थल के कार्यमुक्त किया जाए।
एक तरफ विद्यालयों में शिक्षकों व कार्मिकों की कमी है तो दूसरी तरफ अनियमित संबद्धता देकर अराजकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे जहां विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है, वहीं कार्यालयों में संबद्ध शिक्षकों व कार्मिकों की कार्यशैली को लेकर शिकायतें बढ़ रही हैं।
शिक्षा निदेशालय में राजकीय विद्यालयों के शिक्षक व कार्मिक को संबद्ध किए जाने से वहां नियुक्त स्थाई कार्मिकों के कामकाज में हस्तक्षेप के चलते नाराजगी बढ़ रही है। इसके अलावा प्रयागराज सहित कुछ जनपदों में शिक्षकों की संबद्धता विवाद का विषय बन रही है। हमीरपुर में मारपीट तक की घटना हो चुकी है।
इन सबके चलते महानिदेशक ने पिछले माह सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजा था, उसमें बताया था कि प्रदेश मुख्यालय पर कतिपय गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि विभिन्न विद्यालयों या अधीनस्थ कार्यालयों में मूल रूप में तैनात शिक्षक/कार्मिक को अनियमित रूप से अन्य कार्यालय/ विद्यालयों में संबद्ध किया गया है।
इसके चलते मूल विद्यालय/ कार्यालय में अनावश्यक रूप से समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसे उन्होंने शासकीय नियमों के विपरीत बताया था। साथ ही निर्देश दिए थे कि विभागीय आदेशों के क्रम में प्रशासनिक/विद्यालय संचालन की आवश्यकता के कारण तैनात किए गए शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी संबद्ध शिक्षकों/कर्मचारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर उसकी आख्या ई-मेल पर देने के निर्देश दिए थे। करीब एक महीने बाद भी कई शिक्षक/कार्मिक डीआइओएस कार्यालय, अन्य कार्यालय एवं निदेशालय तक में संबद्ध हैं।
No comments:
Write comments