निरक्षर लोगों के जीवन में दिखेगा उल्लास, अंडरस्टैंडिंग लाइफलांग लर्निंग फार आल इन सोसायटी नामक नया अभियान शुरू ULLAS: understanding lifelong learning for all in society
नई दिल्ली : देश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के लिए छिड़ा अभियान अब सिर्फ शब्द और संख्या ज्ञान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें निरक्षर लोगों को वे सारी शिक्षाएं भी दी जाएंगी, जिससे उनके जीवन में एक नया उल्लास दिख सके। खासकर वे उस ज्ञान से अपनी जरूरत के सारे काम निपटा सकेंगे। इनमें बैंकों से जुड़े लेन-देन, साइबर सुरक्षा, मतदान, सेहत और रेल यात्रा आदि से जुड़ी सीख भी दी जाएंगी।
शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर उल्लास (अंडरस्टैंडिंग लाइफलांग लर्निंग फार आल इन सोसायटी) नामक नया अभियान शुरू किया है, जिसमें 2030 तक देश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा मंत्रालय की इस पहल और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में सिफारिश के बाद राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इसे लेकर पाठ्यक्रम पुस्तक भी तैयार की हैं।
इनमें शब्द व संख्या ज्ञान के साथ उनकी आम जरूरतों से जुड़े सभी विषयों को शामिल किया है। इस नई अध्ययन सामग्री के जरिये निरक्षर लोगों को अधिक मतदान, बैंकिंग व सेहत के प्रति जागरूक किया गया है। बातचीत आधारित सामग्री भी तैयार की गई है। यानी वोटिंग के बारे में क्या जानते हैं। यह क्यों जरूरी है। किस उम्र में मतदान का अधिकार मिलता है आदि।
इसी तरह बैकिंग के दौरान पैसा जमा करने व निकासी का फार्म भरना बताया गया है। साइबर सुरक्षा को लेकर भी जागरूक किया हैं। इसमें उन्हें अपना पिन, ओटीपी और खाते की जानकारी किसी से भी साझा न करने की बात बताई गई है। रेल यात्रा, पीएनआर, सीट के बारे में जानकारियां उन्हें दी जाएंगी।
18 करोड़ से अधिक निरक्षर होने का अनुमान : 2011 की जनगणना में देश में 25 करोड़ से अधिक लोग निरक्षर थे। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्षों में साक्षरता के क्षेत्र में प्रगति के आधार पर अब इनकी संख्या 18.12 करोड़ होने का अनुमान है।
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