रिपोर्ट: कम हुआ विद्यार्थियों का ड्रॉपआउट रेट, कुल छात्रों में सरकारी स्कूलों की भागीदारी 15 फीसदी बढ़ी
लखनऊ । बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या (ड्रॉपआउट रेट) में प्रदेश में उल्लेखनीय कमी आई है। इतना ही नहीं चार वर्षों में कुल छात्रों में सरकारी स्कूलों की भागीदारी 15 फीसदी बढ़ी है। उच्च प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में यहां का ड्रॉपआउट रेट राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी ने स्कूल छोड़ने की दर कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2018 से 2022 तक प्राथमिक शिक्षा में ड्रॉपआउट रेट 9.7 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक में 5.7 से घटकर 2.9 (राष्ट्रीय औसत 3 प्रतिशत से कम), माध्यमिक में 15.5 से घटकर 9.7 (राष्ट्रीय औसत 12.6 प्रतिशत से कम) प्रतिशत रह गया है।
स्कूलों में नामांकित न होने वाले लड़के व लड़कियों की संख्या में भी काफी कमी आई है। कुल मिलाकर यह सरकारी स्कूलों में नामांकित होने वाले छात्रों की बढ़ती हिस्सेदारी के रूप में सामने आया है। 2018 में प्रदेश के कुल विद्यार्थियों में से 44 प्रतिशत सरकारी स्कूल में पढ़ते थे जो बढ़कर 59 प्रतिशत हो गए हैं।
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