अनुदेशकों की मांग नहीं मानी गई तो दबाएंगे नोटा
■ शिक्षा अनुदेशकों का ईको गार्डेन में धरना
■ स्थायी नियुक्ति और 17 हजार मानदेय की मांग
लखनऊ । शिक्षा अनुदेशकों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार से इंको गार्डेन में धरना शुरू किया। अनुदेशकों के समर्थन के लिए मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डा. संदीप पाण्डेय भी पंहुचे। धरना दे रहे अनुदेशकों ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे लोकसभा चुनाव में नोटा का प्रयोग करेंगे।
अनुदेशक संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि अनुदेशकों की लम्बे समय से मांग है कि उन्हें स्थाई नियुक्ति दी जाए तथा नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक 17 हजार मानदेया निधारित किया जाए। जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मानदेय 17 हजार मासिक का आदेश भी दिया था। जिसके खिलाफ सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय चली गई। संयोजक गौरव सिंह ने कहा कि अनुदेशक, ग्राम पहरी आदि विभागों में संविदा आउटसोसिंग पद समाप्त करने की मांग करते हैं।
मांग: नियमितीकरण होने तक दें अनुदेशकों को 17 हजार', ईको गार्डन में बुधवार को अनुदेशकों ने मांगों को लेकर दिया धरना
लखनऊ। नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दे रहे शिक्षा अनुदेशकों को बुधवार को समाजसेवी मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. संदीप पांडेय और युवा शक्ति संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने ईको गार्डन पहुंच कर समर्थन दिया। अनुदेशकों ने नियमितीकरण होने तक 17 हजार रुपये मानदेय देने की मांग की।
समाजसेवी डॉ. संदीप पांडेय ने कहा कि हमारी मांग है कि अनुदेशक, ग्राम प्रहरी, शिक्षा मित्र जैसे अन्य विभागों में सृजित संविदा, आउटसोर्सिंग आधारित पदों को सरकार तत्काल समाप्त कर स्थाई नियुक्ति दी जाए। प्रदेश सरकार के अंतर्गत शिक्षा, चिकित्सा, पुलिस, ऊर्जा व अन्य विभागों में रिक्त करीब 6 लाख पदों को तत्काल भरने की की कार्यवाही करे।
युवा शक्ति संगठन के संयोजक गौरव सिंह और धरने की अगुवाई कर रहे अनुदेशक संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि अनुदेशक लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें स्थाई नियुक्ति दी जाए तथा नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक 17 हजार मानदेय निर्धारित किया जाये। धरने में अधिवक्ता नवीन अग्रहरि, सूरज गुप्ता, प्रिंस सिंह समेत कई शामिल रहे।
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