हाईकोर्ट ने ARP पर कार्रवाई को गलत बताया, बहाली के आदेश, हाईकोर्ट ने कार्रवाई को बताया राजनीति से प्रेरित
सांसद ने पहले अध्यापिका के खिलाफ की थी शिकायत, फिर ले ली थी वापस
19 मई 23 को प्रकरण समझ सांसद ने शिकायत ले ली थी वापस
26 जुलाई 23 को को एआरपी पद से रिलीव कर दिया गया था
बरेली । बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका पूजा रानी सिंह को एआरपी पद से रिलीव करने के खिलाफ हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है। सांसद संतोष गंगवार की शिकायत के बाद विभाग ने पूजा के खिलाफ कार्रवाई की थी। जबकि बाद में सांसद शिकायत वापस भी ले चुके थे। पूजा पर कार्रवाई को कोर्ट ने गलत बताते हुए राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
ब्लॉक आलमपुर की एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) पूजा सिंह की सांसद ने 12 फरवरी 2023 को डीएम से लिखित शिकायत की थी। आरोप था कि पूजा एआरपी का काम न कर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का काम करती हैं। शिकायत के बाद बीएसए को जांच के लिए कहा गया। पूजा के खिलाफ दो खंड शिक्षा अधिकारियों की जांच कमेटी बनाई गई। कमेटी ने पूजा को कारण बताओ नोटिस जारी किए। पूजा ने उनका जवाब दिया। कमेटी ने जवाबों की अनदेखी करते हुए पूजा के खिलाफ रिपोर्ट दे दी।
इसी बीच पूजा ने सांसद के पास जाकर अपना पक्ष रखा। सांसद ने प्रकरण को समझते हुए 19 मई 2023 को अपनी शिकायत वापस ले ली। उन्होंने शिकायत करवाने वाले लोगों की भी फटकार लगाई। पूजा के पक्ष में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भी पत्र भेजा।
इस सबके बाद भी 26 जुलाई 2023 को पूजा को एआरपी पद से रिलीव कर दिया गया। पूजा ने विभागीय अधिकारियों के सामने गुहार लगाई मगर उसे राहत नहीं मिली। आखिर उन्होंने 18 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट की शरण ली।
पूजा ने रखा पक्ष तो सांसद ने शिकायत वापस ली
इसी बीच पूजा ने सांसद के पास जाकर अपना पक्ष रखासांसद ने प्रकरण को समझते हुए 19 मई 2023 को अपनी शिकायत वापस ले ली। उन्होंने शिकायत करवाने वाले लोगों की भी फटकार लगाई। पूजा के पक्ष में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भी पत्र भेजा। इस सबके बाद भी 26 जुलाई 2023 को पूजा को एआरपी पद से रिलीव कर दिया गया। पूजा ने विभागीय अधिकारियों के सामने गुहार लगाई मगर उसे राहत नहीं मिली। आखिर उन्होंने 18 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट की शरण ली।
पूजा बोलीं- सत्य की जीत
इस बारे में पूजा ने कहा कि आखिर सत्य की जीत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ शिक्षक नेताओं और उनके करीबियों की गड़बड़ी पकड़ने के चलते मुझे निशाने पर लिया गया। दोनों जांच अधिकारियों ने भी मेरी गलत रिपोर्ट दी। मेरे आनलाइन काम की भी नकारात्मक रिपोर्ट भेजी गई। कोई भी अधिकारी मेरी बात सुनने को राजी नहीं था। हताश होकर मैंने कोर्ट की शरण ली।
हाईकोर्ट ने कहा, एआरपी पर कार्रवाई राजनीति से प्रेरित
हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पूजा के ऊपर कार्रवाई को गलत बताया है। कोर्ट का कहना है कि सांसद की शिकायत के अलावा पूजा के खिलाफ कोई और तथ्य नहीं है। शिकायत भी बाद में सांसद ने वापस ले ली थी। कोर्ट ने कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित कहते हुए पूजा को एआरपी पद पर बहाल करने का आदेश दिया है। उन्हें 26 जुलाई से लेकर अभी तक का मानदेय भी देने का आदेश हुआ है।
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