लखनऊ : प्रदेश के युवाओं में कौशल और तकनीक की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी प्रदेश सरकार की तरफ से की जा रही है. इसके तहत प्रदेश सरकार 75 जिलों में संचालित आईटीआई को निजी हाथों में दिए जाने की तैयारी में है. सरकार का कहना है कि तकनीकी विकास के साथ तकनीकी शिक्षा की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में कम समय में युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मिले, इसके लिए 34 को निजी हाथों में दिया जाएगा. इन सभी आईटीआई का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाना है.
आईटी-आईटीईएस नीति, 2022 तैयार : प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि नए सत्र से प्रदेश के आईटीआई को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत संचालित करने की योजना है. इसके तहत प्रदेश के करीब 34 आईटीआई को निजी कंपनियों के सहयोग से चलाया जाएगा. प्रदेश सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए आईटी-आईटीईएस नीति, 2022 के तहत यह काम करेगी.
आईटी-आईटीईएस नीति, 2022 के तहत उप्र कौशल विकास मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित संस्थानों से अनुबंध करके प्रदेश के युवाओं को विश्व स्तरीय पाठ्यक्रमों की निःशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद सभी प्रशिक्षित युवाओं को संस्थाएं ग्लोबल सर्टिफिकेट भी प्रदान करेंगी. यह ग्लोबल सर्टिफिकेट प्राप्त युवा देश में रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के नए अवसर खोज सकेगा.
रोजगार के अवसरों में होगी बढ़ोतरी : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी मिलेगी. यहां अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को बड़ी निजी कंपनियों में नौकरी के लिए एक्सपोर्ट द्वारा तैयार किया जाएगा. प्रदेश सरकार यहां पर निजी कंपनियों के सहयोग से आईटी इलेक्ट्रॉनिक व अन्य तरह के तकनीकी शिक्षा से जुड़े कोर्सों का संचालन शुरू करने जा रहा है. यह ऐसे कोर्स होंगे, जो ग्लोबल लेवल पर मान्य होंगे.
इन कोर्स को करने वाले छात्रों को न केवल देश में बाल की विदेश में भी नौकरी के अवसर मिलने में आसानी होगी. राजकीय आईटीआई चारबाग के प्रिंसिपल चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इन आईटीआई में अलग-अलग व्यावसायिक और सर्टिफिकेट कोर्स में युवाओं को प्रवेश का मौका मिलेगा. यहां निजी कंपनियों में प्रशिक्षित युवाओं की मांग के अनुसार कोर्स का संचालन किया जाएगा.
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