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Thursday, January 11, 2024

बेसिक शिक्षा विभाग में किताबों की छपाई के ठेके में अनियमितता का आरोप, अधिकारियों पर चुनिंदा फर्मों को लाभ पहुंचाने का आरोप

बेसिक शिक्षा विभाग में किताबों की छपाई के ठेके में अनियमितता का आरोप, अधिकारियों पर चुनिंदा फर्मों को लाभ पहुंचाने का आरोप


लखनऊ। भाजपा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण के लिए किताबों की छपाई के ठेके में गंभीर अनियमितता का आरोप लगाया है। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय सिंह बिन्नू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिकारियों पर टेंडर की शर्तों के विपरीत कुछ चुनिंदा फर्मों को लाभ पहुंचाने की शिकायत की है।


विजय सिंह का कहना है कि पाठ्य पुस्तक प्रकाशन के आमंत्रित की गई निविदा की शर्तों में साफ है कि जो भी निविदा दाता एल-1 की दरों पर कार्य करने के लिए सहमति देगा उन्हें आवश्यक रूप से कम से कम पांच प्रतिशत किताबें छापने का ठेका दिया जाएगा। 


उन्होंने कहा कि 22 निविदा दाताओं ने एल-1 की दर पर कार्य करने की सहमति दी थी। इसके बाद भी मात्र सात फर्मों को ही 350 करोड़ रुपये का काम आवंटित किया गया। जबकि शेष 15 निविदादाता इस कार्य को गत कई वर्षों से करते रहे हैं, फिर भी उनकी सात क्षमता को नजरअंदाज किया गया।


 उनका कहना है कि जब केवल फर्मों को ही काम देना था तो विभाग ने सभी फर्मों से एल-1 की रेट पर काम करने का सहमति पत्र क्यों लिया। उनका आरोप है कि चार फर्मों को 80 फीसदी काम दिया गया है जबकि तीन फर्मों को कुल 20 फीसदी काम देकर नियमों का उल्लंघन किया है।


बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली किताबों की छपाई के टेंडर में अनियमितता का आरोप


लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में कक्षा 3 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली किताबों की छपाई के टेंडर में अनियमितता का आरोप लगाया गया है। 


उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय सिंह बिन्नू ने आरोप लगाया है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विशेष प्रिंटिंग प्रेस को लाभ पहुंचाने के लिए 350 करोड़ के टेंडर सात प्रिंटिंग प्रेसों को बांट दिए गए। ऐसा पहली बार हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को ज्ञापन भेजकर जांच की मांग की है।


विजय सिंह के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू की किताबों की छपाई के लिए 20 अक्टूबर 2023 को पाठय पुस्तक अधिकारी कार्यालय से निविदा मांगी गई थी। नियमों के मुताबिक प्रकाशक का टर्नओवर एक करोड़ रुपये और कम से कम तीन वर्ष की अर्हता थी। लेवल-वन के निविदाकर्ताओं को चार वर्गों में अपेक्षित पुस्तकों में से 20 प्रतिशत छापने की बाध्यता भी थी।

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