अब तक नहीं आई कंपोजिट ग्रांट! कैसे होंगे स्कूलों के विकास के काम? नहीं बन पाएंगी स्मार्ट क्लास
75 फीसदी स्कूल कम्पोजिट ग्रांट नहीं निकाल पाए थे
पिछले वर्ष प्रधानाध्यापकों ने अपनी तनख्वाह से काम कराया था
कम्पोजिट ग्रांट के पांच करोड़ रुपये वापस हो गए थे पिछले साल
लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों में इस साल स्मार्ट कक्षाएं नहीं बन पाएंगी। स्कूलों को अभी तक कम्पोजिट ग्रांट नहीं मिली है। ऐसे में स्कूलों में रंगाई पोताई, पठन पाठन की सामाग्री की खरीददारी के साथ ही मरम्मत के काम कैसे होंगे?
पिछले वर्ष प्रधानाध्यापकों ने अपनी तनख्वाह से काम कराया था। जिसका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि बजट जारी भी हो जाएगा तो उनका और स्कूल में काम कराने वाले वेंडर के पंजीकरण की प्रक्रिया में मार्च गुजर जाएगा। लखनऊ में 1618 प्राथमिक, जूनियर और कम्पोजिट स्कूल हैं।
सरकार हर साल इन स्कूलों में में स्मार्ट क्लास बनाने समेत दूसरे विकास कार्यों के लिए कम्पोजिट ग्रांट देती है। 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार व 250 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को 75 हजार रुपये कम्पोजिट ग्रांट की व्यवस्था है। पिछले साल शासन ने लखनऊ को 6 करोड़ 32 लाख रुपये जारी किये थे। यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि बीते साल 75 फीसदी स्कूल कम्पोजिट ग्रांट नहीं निकाल पाए थे।
बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि कम्पोजिट ग्रांट की राशि एक हफ्ते में आने की उम्मीद है। इसका भुगतान बीते साल की तर्ज पर पोर्टल से ही किया जाएगा।
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