स्नातक के साथ मिल सकेगी बीएड की भी डिग्री, चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड (स्पेशल एजुकेशन) कार्यक्रम में प्रावधान
विशेष शिक्षा में दो वर्षीय बीएड बंद, अब नहीं मिलेगी मान्यता
लखनऊ । डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अब दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम संचालित नहीं किया जा सकेगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के बाद अब भारतीय पुनर्वास परिषद ने भी दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता पर रोक लगा दी है।
भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने आगामी सत्र से दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम की मान्यता देने पर रोक लगा दी है। आरसीआई ने सत्र 2024-25 से किसी भी विश्वविद्यालय, संस्थान व कॉलेज को पाठ्यक्रम संचालित किए जाने को लेकर मान्यता देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस संबंध में आरसीआई के सदस्य सचिव विकास त्रिवेदी की ओर से सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। पुनर्वास विवि के प्रवक्ता डॉ. यशवंत का कहना है कि दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम के भविष्य को लेकर निर्णय विवि की कार्य परिषद बैठक में लिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बीएड के प्रोग्राम में कई अहम बदलाव करने के साथ ही विद्यार्थियों के लिहाज बेहद लचीला बनाया जा रहा है। इसमें विद्यार्थी के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के तहत विद्यार्थी एक ही पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ दो डिग्रियां हासिल कर सकेंगे। इससे उन्हें एक वर्ष का फायदा मिलेगा। इंटरमीडिएट के बाद विद्यार्थी सीधे इस पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकेंगे। इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम अभी देश के चुनिंदा संस्थानों में ही संचालित है।
आगामी सत्र से लखनऊ विश्वविद्यालय में चार वर्ष का बीएड शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए विवि जल्द ही नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेश (एनसीटीई) में आवेदन करेगा। फिलहाल विवि में दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित है।
दो साल के बीएड को मान्यता नहीं देगा आरसीआई
भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने शुक्रवार को पत्र जारी करते हुए सत्र 2024-25 से शैक्षिक संस्थानों को दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम (स्पेशल एजुकेशन) की मान्यता नहीं देने की घोषणा की है। वहीं एनसीटीई की तर्ज पर चार वर्षीय बीएड (स्पेशल एजुकेशन) पाठ्यक्रम बनाने का फैसला किया है। जिसकी सूचना संस्था की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
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