लॉ कोर्सेज में शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) को शामिल करने पर एडवाइजरी कमेटी करेगी विचार
Right to Education Law in Law Courses: लॉ कोर्सेज में शिक्षा के अधिकार कानून को शामिल करने पर एडवाइजरी कमेटी विचार करेगी. मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एडवाइजरी कमेटी के फैसले का इंतजार करने का निर्देश दिया.
नई दिल्लीः बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कहा कि लॉ कोर्सेज के सिलेबस में राइट टू एजुकेशन (आरटीई) को अनिवार्य रूप से शामिल करने को लेकर उसने कानूनी शिक्षा और प्रोफेशन के विकास के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली एडवाइजरी कमेटी को भेज दिया है. बीसीआई ने इस बात की सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दी. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता बेंच ने एडवाइजरी कमेटी के फैसले का इंतजार करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर 2023 को याचिका पर सुनवाई करते हुए बीसीआई को नोटिस जारी किया था. याचिका सोशल जूरिस्ट नामक संगठन की ओर से वकील अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष ने दायर किया है. याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता ने लॉ कोर्सेज में आरटीई को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग बीसीआई से की थी, लेकिन बीसीआई ने इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
दरअसल, मार्च में ऐसी ही मांग पर सुनवाई के बाद बीसीआई ने इस मांग पर विचार करने का भरोसा दिया था. इस बाबत याचिकाकर्ता ने बीसीआई को प्रतिवेदन दिया था. सुनवाई के दौरान वकील अशोक अग्रवाल ने कहा था कि हाईकोर्ट में भरोसा देने के बावजूद बीसीआई ने पिछले नौ महीने में कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा था कि आरटीई को लॉ कोर्सेज में शामिल करने में की जा रही देरी से आरटीई कानून की अहमियत ही खत्म हो जाएगी.
सुनवाई के दौरान अशोक अग्रवाल ने कहा था कि आरटीई के पूरे तरीके से लागू करने की बड़ी समस्या यह है कि छात्रों और वकीलों को इस कानून के बारे में नहीं पढ़ाया जाता है. ऐसा होना वंचित तबके के लिए काफी नुकसानदायक है.
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