यूपी के 14 विश्वविद्यालयों की बदलेगी सूरत
पीएम उषा के तहत 740 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए
उच्च शिक्षा मंत्री व कुलपतियों ने विकास के पंच सूत्र तय
लखनऊ : केंद्र सरकार ने प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत 740 करोड़ रुपये दिए हैं। अब इन विश्वविद्यालयों में नवाचार व बहुविषयक शोध को बढ़ावा दिया जाएगा और जरूरी आधारभूत सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। पुराने जर्जर भवन की जगह नए भवनों का निर्माण कराया जाएगा। योजना भवन में मंगलवार को समागम वर्ष 2024 का आयोजन कर केंद्र सरकार का आभार जताया गया और आगे की रणनीति तय की गई।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि समागम में तय किए गए पंच सूत्र से विश्वविद्यालयों को तेजी से विकास होगा। पंच सूत्र में समाज, सहयोग, सुधार, सततता व संस्कार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं का यूपी के विश्वविद्यालय अधिक से अधिक लाभ उठाने में कामयाब हुए हैं। वर्ष 2026 तक सकल नामांकन दर को 35 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि शोध की ओर विद्यार्थियों का रुझान बढ़ेगा और नए-नए कोर्सेज शुरू किए जाएंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय ने कहा कि बहुविषयक शोध व नवाचार के लिए उपकरण और अन्य जरूरी संसाधन आसानी से जुटाए जा सकेंगे। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विश्वविद्यालय तेजी से बढ़ाएंगे और विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के साथ-साथ रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी विकसित होंगे।
बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा व अनुसंधान विश्वविद्यालय तहत यूपी के छह विश्वविद्यालयों को सौ-सौ करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। जिन विश्वविद्यालयों को यह धनराशि दी गई है उसमें लखनऊ विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली और डा. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय शामिल हैं। वहीं विश्वविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए आठ विश्वविद्यालयों को धनराशि दी गई है।
पीएम उषा योजना में यूपी के छह विश्वविद्यालयों को मिले 100-100 करोड़
शोध की गुणवत्ता बढ़ाने तथा जर्जर भवनों के सुंदरीकरण पर अनुदान का होगा प्रयोग
छह अन्य राज्य विश्वविद्यालयों को भी 20-20 करोड़, दो अन्य को भी राशि स्वीकृत
लखनऊ। केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत उत्तर प्रदेश को देश में सर्वाधिक अनुदान मिला है। विभिन्न मदों में लगभग 740 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसके तहत जहां राजधानी के लविवि समेत छह विवि को 100-100 करोड़ मिला है, वहीं छह अन्य को 20-20 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं।
इस अनुदान से विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने, जर्जर हो चुके पुराने भवनों के सुंदरीकरण, लैब सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
इस योजना के तहत प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों लखनऊ विवि लखनऊ, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विवि बरेली, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि गोरखपुर, बुंदेलखण्ड विवि झांसी, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ को 100-100 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
इसी तरह विश्वविद्यालयों के सुंदरीकरण के अंतर्गत प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर, मां शाकुम्भरी विवि सहारनपुर और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी को 20-20 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर को 19.99 करोड़, प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भईया) विवि प्रयागराज को 19.99 करोड़, जननायक चन्द्रशेखर विवि बलिया को 13.38 करोड़ और सिद्धार्थ विवि कपिलवस्तु को 6.53 करोड़ स्वीकृत हुआ है।
प्रदेश में इस अनुदान का प्रयोग डिजिटल शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने, नई लैब बनाने, पुरानी लैब व क्लास के निर्माण, हॉस्टल निर्माण, पुराने भवनों के रिनोवेशन आदि मूलभूत जरूरत के लिए किया जाएगा।
पीएम उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उप्र को 740 करोड़ अनुदान
लखनऊ : केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश को देश में सर्वाधिक अनुदान स्वीकृत किया गया है। प्रदेश को विभिन्न मदों में लगभग 740 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया है। स्वीकृत अनुदान का उपयोग विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा जर्जर हो चुके पुराने भवनों के जीर्णोद्धार पर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत चिह्नित न्यूनतम सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के क्रम में असेवित क्षेत्रों में नए राजकीय माडल महाविद्यालयों के लिए अनुदान प्रदान किया गया है। इस केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत वर्ष 2026 के अंत तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 35 प्रतिशत तक बढ़ाना है। बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान की सुविधा विकसित करने के लिए प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया है।
इनमें अयोध्या के डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, बरेली के महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को मिले 100 करोड़ रुपये कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय 100-100 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है।
इसी तरह विश्वविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत पूरे देश में चिह्नित 52 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के आठ विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया। इनमें आगरा के डा. भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, सहारनपुर के मां शाकम्भरी विश्वविद्यालय और वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को 20-20 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को 19.99 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।