परिषदीय स्कूलों में कक्षा तीन से आठ तक एक समान प्रश्न पत्र, समझे पूरा मामला विस्तार से
लखनऊ । देवरिया हो या सहारनपुर या फिर सोनभद्र और ललितपुर। कक्षा तीन से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए अब प्रदेश भर के प्राइमरी, अपर प्राइमरी तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में एक समान और एक जैसे प्रश्न पत्र होंगे।
परीक्षाओं में एकरूपता लाने के उद्देश्य से सरकार यह कदम उठाने जा रही है। इसके तहत वार्षिक-अर्धवार्षिक परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों को तैयार करने की जिम्मेदारी एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) की होगी।
आगामी होने वाली वार्षिक परीक्षा के लिए एससीईआरटी कक्षा तीन से आठ तक के प्रत्येक कक्षा के लिए चार प्रकार के मॉडल प्रश्न पत्र तैयार कर बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपेगा और विभाग उसमें से किसी एक का चयन कर उसे सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) के माध्यम से जिलों में सभी स्कूलों तक पहुंचाएगा।
अभी तक स्कूल स्तर पर ही प्रधानाध्यापक की देखरेख में प्रश्न पत्र तैयार होते थे और उसे ही छात्रों को परीक्षा में दिया जाता था। पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग आने वाले वार्षिक परीक्षाओं में कक्षा तीन से आठ तक के अलग-अलग कक्षाओं के लिए एक समान प्रश्न पत्र छपवा कर स्कूलों को भेजने जा रहा है।
5 फ़रवरी 2024
बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर बनेंगे परिषदीय स्कूलों के वार्षिक परीक्षा के प्रश्नपत्र, जिलों में छपवाकर होगी परीक्षा, शासन को भेजा प्रस्ताव, परीक्षाएं 20 मार्च से संभावितबेसिक स्कूलों में सालाना परीक्षा के लिए अब मॉडल प्रश्नपत्र बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर तैयार होंगे। स्कूलों में पहले तक कॉपी-पर्चे के लिए बजट नहीं था, लेकिन अब शिक्षक अपना खर्च करके कॉपी-पेपर की व्यवस्था नहीं करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने चार तरह के मॉडल प्रश्न पत्र तैयार किए हैं और उन्हें जिले में छपवाया जाएगा।
लखनऊ: बेसिक स्कूलों में सालाना परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर तैयार होंगे। मॉडल प्रश्नपत्र राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) तैयार करेगा। उन मॉडल प्रश्नपत्रों को ही जिलों में बीएसए छपवाकर स्कूलों में पहुंचाएंगे और परीक्षा करवाई जाएगी। इससे गलतियों की गुंजाइश कम हो जाएगी और एकरूपता आएगी।
बेसिक स्कूलों में पहले कॉपी-पर्चे के लिए कोई बजट ही नहीं था। शिक्षक अपना खर्च करके कॉपी-पेपर की व्यवस्था करते थे। कई जगह तो ब्लैक बोर्ड पर सवाल लिखकर परीक्षा हो जाती है। जब इसे शिक्षकों ने मुद्दा बनाया तो जिला स्तर पर पेपर तैयार करने के निर्देश दिए गए। इस व्यवस्था में कई जिलों में समय पर पेपर न छपने की शिकायतें आईं। जहां छपते भी थे तो उनमें ढेरों गलतियां रहती थीं। जिलों में बीएसए के स्तर से मनमाने ढंग से पेपर छपवा दिए जाते थे।
ये खामियां दूर होंगी
इन खामियों को देखते हुए ही केंद्रीय व्यवस्था के तहत पेपर तैयार करने की तैयारी है। पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की बैठक में तय किया गया है कि SCERT चार तरह के मॉडल प्रश्न पत्र बनवाएगा। इनमें से अलग-अलग मॉडल प्रश्न पत्र जिलों को भेज दिए जाएंगे। इन मॉडल प्रश्न पत्रों को ही जिले में हूबहू छपवाया जाएगा। इससे प्रदेश में बोर्ड परीक्षा की तरह चार तरह के प्रश्न पत्र होंगे, लेकिन उनका स्तर एक जैसा होगा। विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है। यह नई व्यवस्था कक्षा तीन से आठ तक लागू की जाएगी। कक्षा एक और दो की परीक्षाएं मौखिक आधार पर पहले की तरह ही होंगी।
परीक्षाएं 20 मार्च से संभावित
बैठक में यह भी तय किया गया है कि बेसिक स्कूलों की सालाना परीक्षाएं यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के बाद ही करवाई जाएंगी। उम्मीद यह है कि प्रश्न पत्रों की पूरी तैयारी करके 20 मार्च के बाद परीक्षाएं करवाई जाएंगी। पहले जो शैक्षिक कैलेंडर जारी किया गया था, उसमें परीक्षाएं मार्च की शुरुआत में करवाने की बात थी।
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