प्रोजेक्ट अलंकार में 500 करोड़ शेष, रुचि नहीं ले रहे कॉलेज
लखनऊ। प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की गई। शासन ने इसके तहत अब तक 883 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। किंतु अभी तक 347 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। कॉलेजों की रुचि न लेने से अभी 500 करोड़ शेष हैं। अब इस योजना में राजकीय विद्यालयों की बाउंड्रीवाल बनाने का प्रस्ताव मांगा गया है।
बेसिक विद्यालयों की दशा सुधारने में प्रोजेक्ट अलंकार की योजना काफी सहयोगी रही है। इसे देखते हुए शासन ने इस साल से माध्यमिक के एडेड कॉलेजों की दशा सुधारने के लिए यहां भी इस योजना को लागू किया। इसमें विशेष रुचि लेते हुए पहले 500 और अनुपूरक बजट में 383 करोड़ का प्रावधान किया। किंतु अभी तक लगभग 160 कॉलेजों के प्रस्ताव के अनुसार 347 करोड़ की ही राशि स्वीकृत हुई है।
योजना के तहत पुराने जर्जर हो चुके एडेड विद्यालयों में जीर्णोद्धार, नई कक्षाओं के निर्माण, मरम्मत, अवस्थापना आदि के लिए 75 फीसदी राशि शासन और 25 फीसदी संबंधित विद्यालय को देना है। पहले चरण में 160 विद्यालयों को यह राशि दी गई है। दूसरे चरण में 86 विद्यालयों के लिए 34 करोड़ और तीसरे में 115 कॉलेजों के लिए 51 करोड़ का और प्रस्ताव भेजा गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस से इस योजना के तहत अब माध्यमिक के बाउंड्रीविहीन राजकीय कॉलेजों की बाउंड्री बनवाने के लिए प्रस्ताव मांगे थे। इसके तहत दो दर्जन जिलों ने प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने डीआईओएस को निर्देश दिया है कि इन प्रस्ताव का परीक्षण कर एस्टीमेट तैयार कराएं। डीएम की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन कराकर प्रस्ताव भेजें। ताकि जल्द से जल्द बजट स्वीकृत किया जा सके।
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