• विभागीय कार्यों के लिए अपने नाम से नहीं खरीद रहे सिम कार्ड
• गुरुवार से लागू हुई इस व्यवस्था का शिक्षकों ने किया विरोध
परिषदीय छात्रों की आनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था पहले दिन ही फेल, शिक्षकों और संगठनों के विरोध के दम पर शुरू नहीं हो सकी प्रक्रिया
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में छात्रों की - आनलाइन उपस्थिति को शिक्षकों ने ठेंगा दिखा - दिया। उपस्थिति के साथ-साथ मिड डे मील खाने - वाले विद्यार्थियों का आनलाइन ब्योरा भी नहीं - भेजा गया। 12 तरह के रजिस्टर को डिजिटल किए जाने का शिक्षकों ने विरोध किया। वह - विभागीय कार्यों के लिए अपने नाम से सिम कार्ड - खरीदने का विरोध कर रहे हैं। परिषदीय स्कूलों - को कंपोजिट ग्रांट के रूप में 1,500 रुपये दिए - गए थे लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षकों ने संगठनों के विरोध के साथ खड़े होकर सिम कार्ड नहीं खरीदा।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश = अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि विभाग - की ओर से सिम कार्ड उपलब्ध कराया जाना - चाहिए। पहले चरण में 2.09 लाख टैबलेट स्कूलों को भेजे गए थे। 1.34 लाख परिषदीय स्कूलों को दो-दो टैबलेट दिए जा रहे हैं। अभी - परिषदीय स्कूलों व कंपोजिट स्कूलों के अलावा - बड़ी संख्या में पूर्व माध्यमिक स्कूलों में दो-दो टैबलेट भी नहीं भेजे गए हैं।
शिक्षकों को प्रेरणा एप पर उपस्थिति माड्यूल के उपयोग करने का भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। गुरुवार से लागू की गई यह व्यवस्था पहले ही दिन ध्वस्त हो गई। न ही आनलाइन उपस्थिति दर्ज हुई और न ही आफलाइन।
शिक्षकों का कहना है कि पहले उन्हें इसके संचालन की ट्रेनिंग दी जाए और विभाग खुद सिम कार्ड खरीदकर दे तभी वे टैबलेट का उपयोग करेंगे।
उधर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलों में इस व्यवस्था को सख्ती के साथ लागू कराया जाए लेकिन शिक्षाधिकारी इसे लागू कराने में पहले ही दिन असफल रहे। अब विभागीय अधिकारी इसकी समीक्षा में जुटे हैं।
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