एक लाख घूस लेते बाबू बंदी, एडी बेसिक पर भी मुकदमा,
बलिया के स्कूल संचालक से मांगी थी रिश्वत जूनियर हाईस्कूल की मान्यता देने का मामला
आजमगढ़ । एंटी करप्शन की टीम ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षा निदेशक कार्यालय के लिपिक को एक लाख रुपये घूस लेते दबोच लिया। वह बलिया के एक विद्यालय संचालक से मान्यता दिलाने के नाम पर घूस ले रहा था। एंटी करप्शन की टीम ने एडी बेसिक और लिपिक पर मुकदमा दर्ज कराया है।
बलिया के सिकंदरपुर क्षेत्र के महरो निवासी राजीव कुमार सिंह ने जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के लिए आवेदन किया था। कई माह से फाइल एडी बेसिक कार्यालय में लटकी थी।
आरोप है कि एडी कार्यालय के लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव निवासी घोरठ, जाफरपुर ने फाइल बढ़ाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। राजीव ने एंटी करप्शन टीम को सूचना दी।
जांच के बाद एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए केमिकल लगाकर एक लाख रुपये राजीव को दे दिया। जैसे ही राजीव ने लिपिक मनोज को रुपये दिये उसे टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक हरिवंश कुमार शुक्ल ने बताया कि मामले में डीआईओएस व एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्र की संलिप्तता भी मिली है।
स्कूल की मान्यता के लिए एक लाख रुपये घूस लेते लिपिक गिरफ्तार, एडी बेसिक पर भी केस दर्ज
आजमगढ़। एडी बेसिक व डीआईओएस मनोज कुमार मिश्रा के लिपिक मनोज श्रीवास्तव को सोमवार को एक लाख रुपये रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कहा कि वह एडी बेसिक के कहने पर घूस ले रहा था। एंटी करप्शन टीम ने एडी बेसिक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है।
बलिया के सिकंदरपुर थानाक्षेत्र के महरो गांव निवासी राजीव कुमार सिंह स्कूल चलाते हैं। कक्षा छह से आठ तक की मान्यता के लिए वह एडी बेसिक कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे। उनके अनुसार, कार्यालय के लिपिक मनोज ने इसके लिए एक लाख की मांग की।
इस पर राजीव ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। टीम ने योजना बनाई और सोमवार को डीएम से मिलकर दो गवाहों के साथ एडी बेसिक कार्यालय पहुंची। यहां राजीव ने एक लाख रुपये लिपिक मनोज को दिए और टीम ने रंगे हाथों उसे पकड़ लिया।
एडी बेसिक कार्यालय के लिपिक मनोज श्रीवास्तव को एक लाख रुपये घूस लेते पकड़ा गया है। उसने बताया कि एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा के कहने पर उसने पैसा लिया था। लिपिक व एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। - शैलेंद्र कुमार सिंह, विवेचक एंटी करप्शन टीम
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