सेवा बहाली के लिए माध्यमिक शिक्षामंत्री से मिले तदर्थ शिक्षक
10 फरवरी
लखनऊ। अशासकीय सहायक प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों ने शनिवार को माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी से उनके आवास पर मुलाकात की। उत्तर प्रदेश माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को सदन में दिए गए आश्वासन को याद दिलाते हुए मांग की तदर्थ शिक्षकों को बाहर न किया जाए। समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति का जिक्र नहीं किया गया है।
शासन आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है, वह तदर्थवाद समाप्त करने की बजाय तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर रहा है। इससे दर्जनों जिलों के सैकडों तदर्थ शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। शासन के कई आदेश के बाद भी अभी तक लखनऊ, बहराइच और जौनपुर जिलों का बकाया वेतन भुगतान भी नहीं किया गया है। मंत्री ने तीनों जिलों के डीआईओएस से बात करके वेतन भुगतान कराने और सेवा बहाली के लिए जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात का आश्वासन दिया।
तदर्थ शिक्षकों ने बहाली के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को दिया ज्ञापन
10 फरवरी 2024
लखनऊ। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आवास पर शनिवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति के नौ नवंबर 2023 को जारी शासनादेश को वापस लेने और तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के लिए ज्ञापन दिया।
प्रतापगढ़, जौनपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, बाराबंकी, लखनऊ, गोंडा, बस्ती आदि जिलों से पहुंचे तदर्थ शिक्षकों ने उपमुख्यमंत्री को बताया 20-22 साल की सेवा के बाद शासन ने उनकी समाप्त कर दी है। 1993 से अब तक कार्यरत सभी तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है।
उप मुख्यमंत्री ने प्रकरण पर जल्द सकारात्मक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में रविंद्र सिंह, इंद्रनील सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, उदय प्रताप सिंह, संजय सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, रिंकू सिंह, राकेश पांडेय, अवनीश अवस्थी, विनोद पांडेय आदि शामिल थे।
05 फरवरी 2024
तदर्थ शिक्षकों ने सेवा बहाली के लिए उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य को दिया ज्ञापन, बताई अपनी पीड़ालखनऊ। प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों ने रविवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवास पर मिलकर सेवा बहाली की मांग की। उत्तर प्रदेश माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों की सेवा समाप्ति के नौ नवंबर 2023 के शासनादेश को को वापस लेने व सेवा बहाली के लिए आदेश जारी करने की मांग की।
तदर्थ शिक्षकों ने उन्हें बताया कि 20-22 साल की सेवा और काफी उम्र होने पर हमारी सेवाएं शासन ने समाप्त कर दी है। इस असंवेदनशील निर्णय से हमारे सामने अपने परिवार को चलाने का भी संकट खड़ा है।
इस पर उपमुख्यमंत्री ने तदर्थ शिक्षकों के बारे में पूरी जानकारी ली जल्द इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकारात्मक निर्णय होने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में रविंद्र सिंह, इंद्रनील सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, उदय प्रताप सिंह, संजय सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, विनोद पांडेय आदि शामिल थे।
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