त्रुटि संशोधन के चार अवसर दिए जाने के बाद भी सुधार न करने वाले विद्यालय यूपी बोर्ड के रडार पर, नोटिस जारी
प्रयागराजः यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में सम्मिलित हो रहे छात्र-छात्राओं के विषय कोड, जेंडर कोड सहित अन्य विवरणों में त्रुटि संशोधन के चार अवसर दिए जाने के बाद भी सुधार न करने वाले विद्यालय रडार पर आ गए हैं। यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल के निर्देश पर क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों ने अंतिम अवसर की अंतिम तिथि 20 जनवरी के बाद संशोधन के लिए आवेदन देने वाले विद्यालयों को नोटिस जारी किया है। तीन दिन में जवाब न देने पर यह मानकर परिषद कार्यों से आजीवन डिबार करने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है।
बोर्ड परीक्षा में छात्राओं की परीक्षा स्वकेंद्र होती है, जबकि छात्रों की परीक्षा दूसरे केंद्र पर होती है। ऐसे में छात्र-छात्राओं के जेंडर कोड में गड़बड़ी होने से परीक्षा के दौरान अप्रिय स्थिति बन जाती है। किसी छात्र का जेंडर कोड त्रुटिवश छात्रा का हो जाने से केंद्र स्वकेंद्र हो जाता है, तब छात्राओं के केंद्र पर छात्र को बैठाकर परीक्षा संपन्न कराने की व्यवस्था करनी पड़ती है। यही स्थिति छात्राओं के मामले में भी होती है।
सौ से अधिक स्कूलों को डिबार करने की तैयारी, नोटिस जारी
त्रुटि संशोधन में लापरवाही बरतने पर यूपी बोर्ड ने तलब किया स्पष्टीकरण
चार बार मौका देने के बावजूद परीक्षार्थियों के नाम, विषय में मिल रही हैं गलतियां
त्रुटि संशोधन में लापरवाही पर सौ से अधिक स्कूल होंगे डिबार
प्रयागराज । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरणों जैसे नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, जेन्डर, जाति, फोटो एवं विषयों आदि में त्रुटि संशोधन में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों को डिबार किया जाएगा। प्रदेशभर के ऐसे 100 से अधिक स्कूलों को बोर्ड परीक्षा से डिबार करने के लिए पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों (प्रयागराज, बरेली, मेरठ, वाराणसी और गोरखपुर) से नोटिस भेजी जा रही है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्कूलों को 2025 की बोर्ड परीक्षा में केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
बोर्ड ने त्रुटि संशोधन के लिए स्कूलों को चार बार मौका दिया था। अंतिम बार 20 जनवरी तक स्कूलों से ऑफलाइन माध्यम से संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को त्रुटि संशोधन के प्रकरण भेजने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद 20 जनवरी के बाद 100 से अधिक परीक्षार्थियों के विवरण में संशोधन का अनुरोध स्कूलों ने किया है। अबइन स्कूलों को नोटिस भेजी जा रही है।
दरअसल ऑनलाइन फॉर्म में त्रुटि रहने पर परीक्षा के दौरान कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई बार परीक्षा केंद्रों से अंतिम समय पर प्रश्नपत्रों की मांग होती है तो कभी छात्राओं के केंद्र पर छात्र का सेंटर पड़ जाता है। इससे निपटने के लिए बोर्ड ने पहले ऑनलाइन त्रुटि संशोधन का मौका दिया और फिर ऑफलाइन माध्यम से प्रत्यावेदन मांगे गए ताकि इस प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए।
बोर्ड ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अंतिम समय में यदि किसी भी परीक्षार्थी / संस्था के स्तर से विवरणों में संशोधन की मांग की जाती है तो उसके लिए पूरी तरह से डीआईओएस और संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य उत्तरदायी माने जाएंगे।
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