शिक्षामित्रों ने पांच फरवरी के प्रदेश सरकार के बजट से लगाई उम्मीद, विगत सात सालों से नहीं बढ़ा है शिक्षामित्रों का मानदेय
प्रयागराजः प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षा मित्रों का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद होने के बाद तय किए गए मानदेय में सात वर्षों से कोई वृद्धि नहीं हुई है।
10 हजार रुपये महीने मिल रहे मानदेय में वृद्धि के लिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के साथ-साथ विभागीय मंत्री तक से मांग रखी गई, लेकिन वृद्धि नहीं हुई। दो बार कमेटी जरूर बनी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका। अब शिक्षामित्रों ने पांच फरवरी के प्रदेश सरकार के बजट से उम्मीद लगाई है।
बेसिक स्कूलों में दो जुलाई 1999 में शिक्षा मित्र नियुक्त किए गए। इन्हें दो अगस्त 2014 को सहायक अध्यापक बनाया गया, लेकिन करीब तीन वर्ष बाद 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने सहायक अध्यापक पद पर किया गया शिक्षा मित्रों का समायोजन रद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार ने एक अगस्त 2017 से शिक्षा मित्रों का मानदेय 10 हजार रुपया मासिक तय कर दिया, तब से उन्हें यही मानदेय मिल रहा है
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