माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को कैरियर की राह दिखाने से पहले शिक्षकों को अपनी बौद्धिक क्षमता साबित करनी होगी
● प्रधानाचार्यों और नोडल शिक्षकों को लेना होगा प्रशिक्षण
● ऑनलाइन प्रशिक्षण में 85 से अधिक अंक लाना अनिवार्य
● कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं का करेंगे मार्गदर्शन
प्रयागराज : माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं को करियर की राह दिखाने से पहले शिक्षकों को अपनी बौद्धिक क्षमता साबित करनी होगी। समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों और नोडल अधिकारियों को करियर गाइडेंस की विस्तृत जानकारी देने के लिए राज्य परियोजना कार्यालय ने यूनीसेफ के सहयोग से ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किया है।
20 घंटे से अधिक समयावधि का पाठ्यक्रम पांच फरवरी से ऑनलाइन उपलब्ध होगा। पांच मॉड्यूल के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद प्रधानाचार्यों-नोडल अधिकारियों को स्व-मूल्यांकन करना होगा। खास बात यह है कि मूल्यांकन में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। पांच मॉड्यूल पूरा करने के बाद प्रमाणपत्र जारी होगा। 85 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर दोबारा कोर्स करना होगा।
गौरतलब है कि कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों में करियर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से करियर गाइडेंस ‘पंख’ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है ताकि विद्यार्थी अपनी रुचि के विषय एवं क्षेत्रों का निर्धारण कर सकें। कार्यक्रम के सुचारु संचालन के लिए सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा एक शिक्षक को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
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