भूतलक्षी कानून बनाकर नहीं छीन सकते कानूनी अधिकारः हाईकोर्ट
जब किसी कानून को पिछली तारीख से लागू किया जाता है तो उसको भूतलक्षी प्रभावी कहा जाता है।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कानून से निहित अधिकार भूतलक्षी कानून से छीना नहीं जा सकता। यदि सहायक अध्यापक की सेवानिवृत्ति के समय तदर्थ सेवाओं को पेंशन निर्धारण के लिए क्वालीफाइंग सेवा में शामिल करने का कैस तीन नियम रहा है तो बाद में नियम संशोधित कर पूर्व की अवधि से लागू करने के कारण इस अधिकार को छीना नहीं जा सकता।
कोर्ट ने तदर्थ सेवा जोड़कर सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक के पेंशन निर्धारित करने के एकलपीठ के आदेश को सही माना और राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस क्यू एच रिजवी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की एकलपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया है।
मामले में याची विपक्षी महेश चंद्र शर्मा की किसान इंटर कॉलेज तहापुर अमरोहा में अंशकालिक रिक्त पद पर तदर्थ रूप में 14 जनवरी 93 को नियुक्त हुए। बाद में 22 मार्च 16 से नियमित कर दिया गया और वह 31 मार्च 20 को सेवानिवृत्त हो गए। पेंशन निर्धारित करने के लिए याची की तदर्थ सेवा जोड़ने की मांग अस्वीकार कर दी गई। हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर तदर्थ सेवा जोड़कर पेंशन निर्धारित करने का निर्देश दिया, जिसे चुनौती दी गई थी।
No comments:
Write comments