नकल विरोधी कानून पर राष्ट्रपति की मुहर, कानून के तहत अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती
नई दिल्ली। भर्ती परीक्षाओं में नकल पर सख्ती का कानून लागू हो गया है। परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों को तीन से पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक-2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है।
इस कानून का मकसद सरकारी प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता व विश्वसनीयता लाना है। परीक्षा में सेवाप्रदाता की गड़बड़ी पर अब तीन साल से लेकर 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती होंगे।
परीक्षाओं में गड़बड़ी से सख्ती से निपटने वाले लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक में इन 15 गड़बड़ियों को माना जाएगा अपराध
07 फरवरी 2024
• किसी परीक्षा का क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करना।
• क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करने में किसी के साथ शामिल होना।
• बिना अनुमति क्वेश्चन पेपर या OMR शीट अपने पास रखना।
• परीक्षा के दौरान किसी से जवाब लिखने के लिए मदद लेना।
• परीक्षा दे रहे कैंडिडेट को डायरेक्ट या इंडायरेक्ट तरीके से मदद करना।
• एग्जाम आंसर शीट या OMR शीट के साथ छेड़छाड़ करना।
• कॉपियों के मूल्यांकन में बिना अनुमति छेड़छाड़ करना।
• सरकारी एजेंसी द्वारा तय परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना।
• मेरिट के लिए तय डॉक्यूमेंट्स में किसी तरह की छेड़छाड़ करना।
• पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन करना।
• किसी एग्जाम कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़ करना।
• कैंडिडेट्स की सीट अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़ करना।
• किसी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना या काम करने से रोकना।
• परीक्षा या एग्जाम अथॉरिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना।
• नकली एडमिट कार्ड जारी करना या नकली एग्जाम कराना।
परीक्षा में धांधली पर होगी 10 वर्ष की जेल, एक करोड़ जुर्माना
नई दिल्ली । सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से सख्ती से निपटने के प्रावधान वाला लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए तीन से पांच साल तक जेल और 10 लाख तक जुर्माना लगेगा। संगठित अपराध के मामलों में अधिकतम 10 साल तक की जेल और अधिकतम एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को सदन में इस विधेयक को पेश किया। विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी।
नकल माफिया पर कसेगी नकेल, लोकसभा में आज पेश हुआ बिल
दस साल सजा, एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान
नई दिल्ली। केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश करेगी। इसमें ऐसे आरोपियों, संस्था व माफिया के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दस साल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखा है। इस कदम से नकल माफिया पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
प्रतिभाओं को संरक्षण देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया था। प्रस्तावित कानून का सारा जोर व्यक्तियों, संगठित माफिया व पेपर लीक, पेपर हल करने, प्रतिरूपण, कंप्यूटर संसाधनों की हैकिंग में लगी संस्थानों पर नकेल कसना है। बिल में पर्चा लीक करने, दूसरे की जगह परीक्षा देने,
संस्थाओं को भुगतनी होगी लागत
धांधली के कारण अगर परीक्षा रद्द हुई तो इसका खर्चा दोषी पाए गए सेवा प्रदाताओं और संस्थाओं को भुगतना होगा। इसके अलावा शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय मानक भी तैयार किए जाएंगे।
प्रश्न पत्र हल करने या इसमें मदद करने, परीक्षा केंद्र की जगह अन्य जगह पर परीक्षा कराने, परीक्षा में गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं करने पर तीन से पांच साल की जेल की सजा और दस लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। कंप्यूटर आधारित केंद्रों पर परीक्षा का संचालन करने वालों को कदाचार साबित होने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। ब्यूरो
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