परिषदीय प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों की परीक्षाएं शुरू, रिपोर्ट कार्ड के लिए जारी हो चुका है बजट
लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में वार्षिक परीक्षायें बुधवार को शुरू हो गई। परीक्षा सुबह साढ़े 9 बजे से पहली पाली की परीक्षा शुरू हुई। पहली पाली की परीक्षा 11:45 बजे तक हुई वही, दूसरी पाली में दोपहर 12:15 से 2:45 बजे तक छात्रों ने परीक्षा दी।
राजधानी सहित प्रदेश भर में शुरू हुई परीक्षा में 1.92 करोड़ बच्चे शामिल हो रहे हैं। 27 मार्च तक चलने वाली परीक्षा के बीच 24 से 26 तक होली का अवकाश भी पड़ेगा। इसके बाद 27 को मौखिक व खेल और क्राफ्ट जैसे विषयों की परीक्षा आयोजित की जायेगी।
बच्चों के रिपोर्ट कार्ड के लिए बजट जारी
स्कूल शिक्षा महानिदेशक व राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से सभी प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध करवाने के लिए बजट जारी कर दिया गया है। इस बारे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियो को महानिदेशक की ओर से पत्र भी जारी किया गया है। जारी पत्र के मुताबिक 339.04056 लाख की धनराशि जारी की गई है।
परिषदीय विद्यालयों के पेपरों में मिलीं कई कमियां, 31 मार्च रविवार को प्रगति पत्र वितरित करने के निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2023- 24 में कक्षा एक से आठ की वार्षिक परीक्षाएं बुधवार से शुरू हुई। पहले दिन ही पेपर में कमियां मिली और कुछ जगह पर सीधे 50 नंबर का पेपर बना दिया गया। जबकि लिखित परीक्षा 35 और मौखिक परीक्षा 15 नंबर की होनी थी। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद ने 31 मार्च को परिणाम वितरित करने के निर्देश दिए। जबकि 31 को रविवार है।
प्रदेश में 20 से 27 मार्च तक कक्षा एक से आठ की वार्षिक
परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि काफी कम समय में परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर शिक्षक परेशान थे। वहीं पहले दिन ही परीक्षा में काफी कमियां देखने को मिली। शिक्षकों ने बताया कि कुछ जिलों में लिखित परीक्षा का पेपर कक्षा चार-पांच में 35 नंबर का होना था लेकिन उसे भी पूरे 50 नंबर का बना दिया गया था। इसी तरह कक्षा दो-तीन में यह 25 नंबर का होना था लेकिन इसे भी 50 नंबर का बनाया गया था। इसे लेकर काफी ऊहापोह रहा।
लखनऊ। परिषदीय विद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं बुधवार से शुरु हुईं। विभाग की ओर से कॉपियों की व्यवस्था न करने पर शिक्षकों ने आपस में चंदा कर खुद से कॉपियां खरीदी। कई विद्यालयों में तो बच्चे अपने घर से कॉपियां लेकर आए और परीक्षा दी। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, कंपोजिट ग्रांट के पैसे से ही कॉपियां खरीदने की व्यवस्था है, जबकि विभाग ने सभी विद्यालयों में प्रश्नपत्र मुहैया करा दिए हैं। उधर शिक्षकों ने बताया कि पिछले तीन साल से परीक्षा कराने के लिए किसी तरह का बजट ही जारी नहीं किया गया। कंपोजिट ग्रांट में इतने कम पैसे होते हैं कि स्कूल के कार्य ही नहीं पूरे हो पाते हैं।
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