ऐसी डिग्री से क्या लाभ, जब मेधावियों के लिए नौकरी ही न बचे : राज्यपाल
राज्यपाल आनंदी बेन ने आगरा विवि के परीक्षा परिणाम व दीक्षांत समारोह में देरी और कार्यप्रणाली पर जताई नाराजगी और जिम्मेदारों को दिखाया आईना
आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 89वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने परीक्षा, परिणाम और दीक्षांत समारोह में देरी पर विश्वविद्यालय प्रशासन को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 32 विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह हो चुके हैं, सबसे अंत में यहां हो रहा है। तंज कसते हुए कहा कि सत्र के आखिरी दिनों में डिग्री देने से छात्रों का क्या लाभ, जब प्लेसमेंट की नौकरियां हीं नहीं बचें। उन्होंने कुलपति की ओर इंगित कर नए सत्र से डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में सबसे पहले इसी जुलाई में दीक्षांत समारोह कराने के लिए निर्देशित किया।
खंदारी परिसर स्थित छत्रपति शिवाजी मंडपम में हुए समारोह में अपने 20 मिनट के संबोधन में राज्यपाल ने शैक्षणिक सत्र की देरी पर सख्त लहजे में कहा कि कोई अनपढ़ हो समझ में भी आए, यहां तो सभी शिक्षाविद् हैं, फिर भी लगातार देरी हो रही है। उन्होंने ऐसे कॉलेजों पर कार्रवाई के लिए कहा जो फीस, प्रायोगिक अंक-आंतरिक परीक्षा के अंक जमा करने में देरी करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कॉलेजों की वजह से सभी का परिणाम नहीं रोका जाए।
राज्यपाल ने प्रश्नपत्रों में त्रुटि पर कहा कि इससे छात्रों को परेशानी होती है पर इसे बनाने वाले पर कार्रवाई नहीं होती। छात्रों से पूछा कि ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं। छात्रों का जवाब हां सुनकर उन्होंने कहा कि अब ऐसा ही होगा। राज्यपाल ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता में 6 विश्वविद्यालयों को ए प्लस प्लस रैंक मिलने पर अनुदान में 100-100 करोड़ रुपये मिले हैं। हाल ही में कानपुर विश्वविद्यालय भी इसी श्रेणी में शामिल हुआ है।
उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में विश्वविद्यालय की जो हालत होनी थी वह हो गई। अब इसके उत्थान के लिए कार्य करना होगा, इसके लिए कुलपति से 15 मार्च के बाद मास्टर प्लान मांगा है। सभी के प्रयासों से एक बार फिर से आगरा विश्वविद्यालय को भी टॉप पर ले जाएंगे। समारोह में 120 मेधावियों को पदक दिए गए।
Agra News: दीक्षांत समारोह के दौरान कुलाधिपति ने आगरा विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
आगरा: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल होनहारों को सम्मानित कर रही थी तो किसी ने नही सोचा था कि कुलाधिपति आगरा विश्वविद्यालय की वास्तविक स्थिति का आईना उसी विश्वविद्यालय के अधिकारियों को दिखा देंगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंच से ही संबोधित करते ही आगरा विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।
उन्होंने कहा कि आज भी इस विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली नहीं बदली है। यूनिवर्सिटी में इन होनहार और मेधावी विद्यार्थियों को आज भी समय पर उनकी अंक तालिका और डिग्री नहीं मिलेगी तो छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में ही जाएगा। देश के ख्याति प्राप्त आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में पिछले कई दशकों से यही चल रहा है। अगर हालात नहीं सुधरे तो विश्वविद्यालय में होनहार और मेधावी विद्यार्थियों को टोटा पड़ जाएगा।
आंबेडकर विश्वविद्यालय के 89 वें दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक देने के बाद कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आंबेडकर विश्वविद्यालय की दुःखती रग पर हाथ रख दिया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इशारों ही इशारों में आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, लेक्चरर , प्रशासक, शिक्षक संघ कर्मचारी संघ और छात्र संघ के नेताओं को संकेत दे दिया कि वह अपनी कार्यप्रणाली को सुधार लें।
उन्होंने अंबेडकर विश्वविद्यालय में नेतागिरी करने वालों को साफ संकेत दे दिया कि वह चेत जाएं और सुधर जाएं अन्यथा हमें जो करना है फिर वह मजबूर होकर करना ही होगा। उन्होंने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय में हो रही नेतागिरी के चलते अब छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
महामहिम ने कहा कि यूजीसी द्वारा कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय को ए डबल प्लस दिया गया है, यूजीसी डबल प्लस को 100 करोड़ का अनुदान देता है, आप कहाँ पर हैं..? आख़िर आप A++ क्यों नहीं ला सकते.. उन्होंने विद्यार्थियों शिक्षकों प्रशंसकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके विश्वविद्यालय को A ++ मिलना चाहिए कि नहीं… नीचे से आवाज़ आईं मिलना चाहिए.. उन्होंने कहा फिर बदलाव के लिए तैयार हो जाएं। आप खुद बदलें तो अच्छा है अन्यथा हमें तो बदलाव करना ही है। उन्होंने कहा कि बीते सोमवार को विश्वविद्यालय के बारे में बहुत कुछ जाना है। अब यह सब नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि मैंने कुलपति आशु रानी को बता दिया है, जो नहीं सुधरेंगे उन्हें हम सुधार देंगे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सख्त लहजे में कहा कि जब देश के भर के विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की बड़ी-बड़ी कंपनियों में अपॉइंटमेंट हो जाती है तब आपका रिजल्ट निकलता है, अगर रिजल्ट देरी से निकला है तो नया सत्र भी देरी से ही शुरू होगा। ऐसे में आखिर अंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का भविष्य कैसे संवरेगा, यहां के मेधावी छात्र-छात्राओं को कैसे बड़ी कंपनियों में नियुक्ति मिलेगी।
उन्होंने कुलपति की तरफ देखते हुए कहा कि मैंने निर्देशित कर दिया है कि जो कॉलेज अपने छात्र-छात्राओं और प्रैक्टिकल की जानकारी नहीं भेजते हैं तो उनके चलते परीक्षा और रिजल्ट में देरी न करें। अब किसी भी कॉलेज की लापरवाही के चलते विश्व विद्यालय की परीक्षाएं और उसका परिणाम नहीं रुकेगा।
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रशासकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कॉलेज की भी ग्रेडिंग की जाएगी। जो कॉलेज A+, A लाएगा उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं देने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी, जिनको B ग्रेड मिलेगा उन्हें समझाया जाएगा, सुधरने की हिदायत दी जाएगी और C ग्रेड वाले कॉलेजों का क्या होना चाहिए यह आप ही तय कर लें… उन्होंने कहा कि जो नहीं सुधरेगा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को आगरा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पूरा होमवर्क करके आई थीं, उन्होंने विश्वविद्यालय के एक-एक करके सभी के कपड़े उधेड़ दिए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में बहुत कुछ कह दिया और साफ किया कि हर हाल में विश्वविद्यालय का सेशन सही समय पर शुरू होगा। मैं कुलपति आशु रानी को मार्च के अंत में बुला रही हूँ, मैं जानुँगी कि विश्वविद्यालय के सत्र को सही समय पर शुरू करने के लिए क्या किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को अंक तालिकाएं और उनकी डिग्री सही समय पर मिलनी चाहिए, यह उनका अधिकार है। छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय और कॉलेजों के चक्कर नहीं लगते होंगे, अब उन्हें उनकी डिग्री और मार्कशीट डिजीलॉकर में उपलब्ध कराई जाएगी।
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