शिक्षक धर्मेंद्र की पत्नी को मूल वेतन के बराबर मिलेगी पेंशन, शासन ने असाधारण पेंशन की स्वीकृत, कॉपी ले जाने में शिक्षकों की ड्यूटी भी न लगाने के निर्देश
शिक्षकों की मांग मानी
लखनऊ। वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की मुजफ्फरनगर में हत्या के बाद शिक्षकों की मांग पर शासन ने इस मामले में असाधारण पेंशन स्वीकृत कर दी है। अब धर्मेंद्र कुमार की पत्नी को उनके मूल वेतन के बराबर पेंशन (कार्यकाल पूरा होने तक) दी जाएगी। इसके बाद उन्हें सामान्य पेंशन दी जाएगी। वहीं माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कॉपियों के बंडल को क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजने में शिक्षकों की ड्यूटी न लगाने का भी निर्देश जारी कर दिया है।
शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की हत्या के बाद माध्यमिक के शिक्षकों ने मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद शासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 25 लाख का मुआवजा स्वीकृत किया था। इसके बाद भी शिक्षकों की नाराजगी कम नहीं हो रही थी। शनिवार से उन्होंने दोबारा मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया था। वह धर्मेंद्र कुमार के परिवार को दो करोड़ का मुआवजा, शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम न लिए जाने व धर्मेंद्र कुमार की पत्नी को पेंशन के रूप में पूरा वेतन दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार ने असाधारण पेंशन स्वीकृत किए जाने की स्वीकृत दी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि इसके तहत धर्मेंद्र की पत्नी को मूल वेतन के बराबर पेंशन दी जाएगी। वहीं माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर कहा है कि मूल्यांकन केंद्र से मूल्यांकन के बाद कॉपियों के बंडल को क्षेत्रीय कार्यालयों में भेजने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी न लगाई जाए।
इसके लिए सिर्फ शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जाए। शिक्षकों की दो प्रमुख मांगे पूरी होने के बाद माना जा रहा है कि शिक्षकों का मूल्यांकन बहिष्कार बुधवार को समाप्त हो जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा कि इस बारे में निर्णय बुधवार को सभी शिक्षक संघ प्रतिनिधियों की बैठक में लिया जाएगा। शिक्षक संघों के मूल्यांकन बहिष्कार जारी रखने के निर्णय के बीच माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने शिक्षकों से मूल्यांकन में सहयोग की अपील जारी की है।
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