CBSE : 11वीं व 12वीं की परीक्षा का प्रारूप बदला
नई दिल्ली । परीक्षा के प्रारूप में बदलाव की घोषणा करने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधिकारियों का कहना है कि शैक्षणिक सत्र 2024- 25 से 11वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में दक्षता-आधारित प्रश्न अधिक संख्या में शामिल होंगे।
इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि छात्र वास्तविक जीवन में इन अवधारणा को कितना समझ पा रहा है। बहु विकल्प प्रश्न, मामले आधारित प्रश्न, स्त्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न या अन्य प्रकार के दक्षता-आधारित प्रश्नों का प्रतिशत 40 से बढ़ाकर 50 कर दिया गया है।
कई अहम कदम उठाए
सीबीएसई के निदेशक जोसेफ इमैनुअल ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार बोर्ड ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें दक्षता के आधार पर मूल्यांकन व शिक्षकों तथा छात्रों के लिए अनुकरणीय संसाधनों का विकास शामिल है।
सीबीएसई ने सत्र 2024-25 के लिए मूल्यांकन योजना में किया बदलाव
बहुविकल्पीय, केस आधारित व स्रोत आधारित प्रश्नों की संख्या 50 फीसदी होगी
नई दिल्ली। अब 11वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में योग्यता आधारित प्रश्न अधिक पूछे जाएंगे, जबकि लघु उत्तर व दीर्घ उत्तर वाले प्रश्नों की संख्या कम रहेगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए अपनी मूल्यांकन योजना में मामूली बदलाव किया है। प्रश्नों के इसी पैटर्न के आधार पर इन दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं होंगी। 11वीं व 12वीं में योग्यता आधारित बहु विकल्पीय प्रश्नों, केस आधारित प्रश्नों व स्रोत आधारित प्रश्नों की संख्या 50 फीसदी की होगी, जबकि अब तक ऐसे प्रश्नों की संख्या 40 फीसदी होती थी।
सीबीएसई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के आधार पर यह बदलाव किया है। सीबीएसई का जोर रटने की बजाय सीखने पर है, जिससे कि 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों की रचनात्मक और सोच क्षमताओं को विकसित किया जा सके। ऐसे में बोर्ड ने प्रश्न पत्रों में वास्तविक जीवन स्थितियों की अवधारणा का आकलन करने वाले योग्यता आधारित प्रश्नों को शामिल किया है। सीबीएसई के अकादमिक निदेशक जोसेफ एमनुएल की ओर से इस संबंध में स्कूलों को जानकारी भेज दी गई है।
बोर्ड के अनुसार, चालू सत्र से योग्यता आधारित प्रश्न ज्यादा संख्या में (वास्तविक जीवन की अवधारणाओं से संबंधित) प्रश्न पत्र का हिस्सा होंगे। 11वीं-12वीं में 50 प्रतिशत प्रश्न योग्यता आधारित होंगे, इनमें एमसीक्यू, केस आधारित प्रश्न, स्रोत आधारित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य प्रकार के रूप में प्रश्न होंगे। बीते साल तक ऐसे प्रश्नों की संख्या 40 फीसदी थी। अन्य बहु विकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) पहले की तरह 20 फीसदी ही होंगे।
लघु उत्तर और दीर्घ उत्तर प्रकार के प्रश्नों के लिए संख्या को 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि नौंवीं व दसवीं की मूल्यांकन योजना में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है। दोनों कक्षाओं में योग्यता आधारित प्रश्नों की संख्या पहले की तरह 50 फीसदी, अन्य एमसीक्यू (बहु विकल्पीय प्रश्नों की संख्या 20 फीसदी और लघु उत्तर व दीर्घ उत्तर वाले प्रश्नों की संख्या 30 फीसदी रहेगी।
मालूम हो कि बोर्ड पहले ही शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पाठ्यक्रम व सैंपल पेपर जारी कर चुका है। बोर्ड ने इसे अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है।
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