प्रमोशन, भर्ती के इंतजार में प्राचार्यों के 180 पद खाली, डीपीसी न होने से कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे चल रहे राजकीय महाविद्यालय
प्रयागराज। प्रमोशन और भर्ती के इंतजार में राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्राचार्यों के 180 पद खाली पड़े हैं। यह महाविद्यालय कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं।
राजकीय महाविद्यालयों में बीते कई वर्षों से प्राचार्य पद पर प्रमोशन के लिए डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक नहीं हुई है। हालत यह है कि प्रदेश भर में कुल 170 राजकीय महाविद्यालयों में से 130 महाविद्यालयों में स्थायी प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं।
राजकीय महाविद्यालयों में केवल प्रमोशन से प्राचार्य के पद भरे जाते हैं। ऐसे में जब तक डीपीसी नहीं होती, तब तक पद खाली रहेंगे। राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए शिक्षक संगठनों ने काफी प्रयास किए लेकिन कई मामले कोर्ट में होने के कारण शासन ने यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई, जबकि पहले यह तय हुआ था कि जो मामले कोर्ट में लंबित हैं, उन्हें छोड़कर बाकी मामलों में प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और पद अब तक खाली हैं।
वहीं, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। प्रदेश भर में 331 अशासकीय महाविद्यालय हैं और इनमें से तकरीबन 50 महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त पड़े हैं।
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