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Saturday, April 20, 2024

प्राइमरी स्कूलों में दाखिले की उम्र बढ़ाने से घटे बच्चे, एक अप्रैल को 6 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले बच्चों का ही कक्षा एक में प्रवेश


 


प्राइमरी स्कूलों में दाखिले की उम्र बढ़ाने से घटे बच्चे, एक अप्रैल को 6 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले बच्चों का ही कक्षा एक में प्रवेश

बेसिक शिक्षा में नए आदेश से बढ़ीं मुश्किलें, प्राइमरी स्कूलों में घटे बच्चे


लखनऊ । प्राइमरी स्कूलों में दाखिले की उम्र बढ़ाने से छात्र-छात्राओं की संख्या कम हो गई। एक अप्रैल को छह वर्ष की उम्र पूरी करने वाले बच्चों का ही कक्षा- एक में दाखिले के आदेश से बीते साल के मुकाबले 50 फीसदी बच्चे घटे हैं। बच्चों की संख्या लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में घट गई है। कुछ स्कूलों ने छह साल के भीतर वाले बच्चों के दाखिले ले लिये हैं। अब उनके दाखिले फंस गए हैं।


 बेसिक शिक्षक विभाग के स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों के नामांकन बढ़ाने के सारे जतन असफल साबित हो रहे हैं। शिक्षक घर-घर बच्चे खोज रहे हैं, छह साल वाले बच्चे नहीं मिल रहे हैं। अभिभावकों ने दाखिले निजी स्कूलों में करा दिये हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने नौ अप्रैल को आदेश में निर्देश दिये कि कक्षा-एक में दाखिले के लिए उम्र एक अप्रैल को छह वर्ष होनी चाहिए।


राजधानी में साल भर में स्कूलों में घट गए 25 हजार बच्चे

लखनऊ में 1619 प्राइमरी स्कूलों में बीते वर्ष बच्चों की संख्या दो लाख के ऊपर थी। इस साल घटकर दो लाख के भीतर आ गई है। 16 अप्रैल तक नामांकित बच्चों की संख्या औसतन एक लाख 75 हजार है। बीते साल की तुलना में 25 हजार कम हो गई है। सबसे ज्यादा बच्चे कक्षा एक में घटे हैं।


निजी स्कूलों में मां बाप ने कराए बच्चों के दाखिले

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के दाखिले न होने पर अभिभावकों ने निजी स्कूलों में दाखिला करा दिया है। कोई भी अभिभावक बच्चे को घर में नहीं बैठाना चाहता है। कई निजी स्कूल दो बच्चों के दाखिले पर एक बच्चे की फीस माफ कर दी है। ऐसे में शिक्षकों के सामने नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल है।


बीते साल छह साल की उम्र लागू की थी
बीते साल 25 अप्रैल 2023 को तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने न्यूनतम छह साल की उम्र वाले बच्चों का प्राइमरी स्कूलों की कक्षा-एक में दाखिले का निर्देश जारी किया था। साथ ही आदेश में कहा था कि एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच छह वर्ष की आयु पूरी करने के कारण दाखिले से वंचित बच्चों को दाखिले लेने का छूट दी थी। जिसके चलते शिक्षकों ने जुलाई में छह साल की उम्र पूरी करने वाले बच्चों के दाखिले ले तीन माह पहले अप्रैल में ही ले लिये थे।


शिक्षा निदेशक के आदेश से नामांकन घटे
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने नौ अप्रैल को जारी आदेश में सख्त निर्देश दिये कि कक्षा-एक में दाखिले के लिए छात्र-छात्राओं की उम्र एक अप्रैल को छह वर्ष पूरी होनी चाहिए। इससे कम आयु के बच्चों का नामांकन किसी भी दशा में न किया जाय। छह वर्ष से कम आयु के बच्चों का नामांकन बालवाटिका में कराएं।


शिक्षक नेता का बयान
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि एक अप्रैल को 6 वर्ष पूर्व होने पर प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश लेने का नियम बहुत घातक सिद्ध होगा। विभाग छात्र संख्या बढ़ाने की बात करता है। ऐसे में यह संख्या और कम हो जाएगी। निजी स्कूलों में चार वर्ष में ही केजी और नर्सरी में प्रवेश दिया जा रहा है। विभाग को इस नियम पर विचार करना चाहिए

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