प्राथमिक, माध्यमिक सत्र के पहले दिन प्रवेश उत्सव
लखनऊ । प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों में सत्र के पहले दिन सोमवार को बच्चों के स्वागत में प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया। शिक्षकों ने बच्चों के स्वागत में स्कूलों को गुब्बारे, रंगोली व फूलों से सजाया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। सीडीओ अजय जैन ने इंदिरानगर स्थित बस्तौली कम्पोजिट स्कूल के बच्चों को किताबें वितरित की।
स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा के निर्देश पर सत्र के पहले दिन सोमवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया। वहीं काकोरी, मलिहाबाद, माल, इटौंजा, गोसाईगंज समेत कई दूसरे ब्लॉक के बहुत से स्कूलों में अभी तक किताबें नहीं पहुंची। बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि जल्द ही सभी स्कूलों में किताबें बच्चों को मुहैया करायी जाएंगी।
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से नया सत्र 2024-25 शुरू हुआ। पहले दिन कई जगह पर शिक्षकों ने विद्यार्थियों को रोली-चंदन लगाकर स्वागत किया। तो कुछ जगह पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं पहले दिन कई जिलों में स्कूलों में किताबों का वितरण किया गया तो कई जिलों में पुरानी किताबों से ही नए सत्र की शुरुआत हुई। यहां पर ब्लॉक व न्याय पंचायत स्तर तक किताबें पहुंच गई हैं। एक-दो दिन में इन्हें विद्यालय पहुंचाने का लक्ष्य है।
पहले दिन अमेठी में कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों को किताबों का वितरण किया गया। नई किताबें पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। इसी तरह बाराबंकी व सीतापुर में भी बच्चों को पहले दिन नई किताबें दी गईं। उन्हें सभी विषयों की किताबों का बंच दिया गया। इसके साथ ही देवरिया, मेरठ, हापुड़, भदोही, बलरामपुर आदि जिलों में भी पहले दिन ही स्कूलों में किताबें वितरित कर नए सत्र की विधिवत शुरुआत की गई।
दूसरी तरफ श्रावस्ती, बहराइच, अंबेडकरनगर, अमरोहा, मैनपुरी, शामली, महोबा आदि में किताबें स्कूल तक अभी नहीं पहुंची हैं। अंबेडकरनगर के 1583 परिषदीय विद्यालयों में से 500 में किताबें नहीं पहुंचीं। बीएसए संजय कुमार तिवारी ने बताया कि कक्षा एक-दो की किताबों की आपूर्ति अभी नहीं हुई है। सुल्तानपुर में भी नए सत्र की शुरुआत पुरानी किताबों से ही हो सकी। जिला में किताबें आ गई हैं, जल्द वितरण कराया जाएगा।
वहीं, शिक्षकों का यह कहना है कि उन्हें खुद न्याय पंचायत से किताबें लाने के लिए कहा जा रहा है। इससे उनमें नाराजगी है, जबकि पिछले साल ही यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। वहीं, कक्षा एक व दो के बच्चों को अभी पुरानी किताबों से ही पढ़ाई करनी होगी क्योंकि विभाग अभी इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर रहा है। दूसरी तरफ नए सत्र में जल्द ही स्कूल चलो अभियान भी शुरू किया जाएगा। इसे लेकर तैयारी तेज हो गई है।
लगभग सभी जिलों में स्कूलों तक किताबें पहुंच गई हैं। कई जगह से फोटो भी आई है। अभी डाटा नहीं आया है। कितनी आई?? बीएसए ही स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे और इसका भुगतान किया जाएगा। कहीं भी शिक्षक से किताबें नहीं मंगवानी हैं, इसकी शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
- माधव तिवारी, पाठ्य पुस्तक अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग
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