हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक राहत जरूर दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है।
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार के साथ सीबीआई जांच पर फिलहाल रोक
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "हम उस निर्देश पर फिलहाल रोक लगा रहे हैं जिसमें कहा गया है कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी."
सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है. दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 24,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द करने और भर्ती प्रक्रिया को अवैध बताने के बाद बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "हम उस निर्देश पर फिलहाल रोक लगा रहे हैं जिसमें कहा गया है कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी."
सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कुछ पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था, जो कथित घोटाला होने के समय डब्ल्यूबीएसएससी में पद पर थे. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 6 मई को सुनवाई करेगा.
CJI ने भर्ती प्रक्रिया पर उठाए सवाल
CJI ने सुनवाई करते हुए कहा कि जो लोग पैनल में नहीं थे, उन्हें भर्ती कर लिया गया. यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है। एक बार जब उन्हें पता चला कि ये नियुक्तियाँ अवैध थीं तो अन्य पद क्यों बनाए गए? हां ओएमआर शीट नष्ट कर दी गई हैं. यह मिरर सर्वर में भी नहीं है. इस पर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि नियम यह प्रावधान करते हैं कि ओएमआर को 1 या 2 साल के लिए रखा जाना चाहिए, आठ साल के लिए नहीं।
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