बंद होने वाले मदरसों के छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे
किसी भी शिक्षा बोर्ड से मान्यता जरूरी, अन्यथा बंद होंगे मदरसे, जिलास्तर पर बनेगी कमेटी
लखनऊ। किसी भी बोर्ड से मान्यता न लेने वाले मदरसे बंद होंगे। उनमें पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाने के लिए सभी का प्रवेश सरकारी विद्यालयों में कराया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन होगा, जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बृहस्पतिवार को निर्देश जारी कर दिए।
निर्देश के मुताबिक ऐसे मदरसे जो मानकों के आधार पर यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड आदि से मान्यता प्राप्त करने के लिए अर्ह हैं, वे संबंधित बोर्ड से मान्यता लेकर अपने प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संचालित कर सकते हैं। जो मदरसे सुविधाओं के मानक को पूरा नहीं करते और किसी बोर्ड से मान्यता भी नहीं लेते तो वे स्वतः बंद हो जाएंगे। इससे इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में पड़ जाएगा।
ऐसे मदरसों के बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाने के लिए प्रदेश के सरकारी बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति में डीएम अध्यक्ष होंगे। जबकि सदस्य के रूप में मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी होंगे। इसी समिति के जरिये मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा।
इसके बाद भी जो बच्चें प्रवेश से वंचित रह जाएंगे, उनके लिए जरूरत के मुताबिक या तो वर्तमान स्कूलों में सीटें बढ़ाई जाएंगी या नए विद्यालय खोले जाएंगे। इसकी रिपोर्ट डीएम हर महीने बेसिक शिक्षा के महानिदेशक, सचिव माध्यमिक शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण को देंगे।
किसी भी बोर्ड से मान्यता न लेने वाले मदरसे होंगे बंद, बच्चों का प्रवेश होगा सरकारी स्कूल में
जिला स्तर पर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन होगा, जो बच्चे प्रवेश से वंचित रह जाएंगे, स्कूलों में बढ़ाई जाएंगी सीटें
मानक पूरा करने वाले मदरसे बोर्ड से मान्यता लेकर चलते रहेंगे
लखनऊ। किसी भी बोर्ड से मान्यता न लेने वाले मदरसे बंद होंगे। उनमें पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाने के लिए सभी का प्रवेश सरकारी विद्यालयों में कराया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन होगा, जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बृहस्पतिवार को निर्देश जारी कर दिए।
निर्देश के मुताबिक ऐसे मदरसे जो मानकों के आधार पर यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड आदि से मान्यता प्राप्त करने के लिए अर्ह हैं, वे संबंधित बोर्ड से मान्यता लेकर अपने प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संचालित कर सकते हैं। जो मदरसे सुविधाओं के मानक को पूरा नहीं करते और किसी बोर्ड से मान्यता भी नहीं लेते तो मदरसा बोर्ड के संचालन पर स्वतः बंद हो जाएंगे। इससे इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में पड़ जाएगा। ऐसे मदरसों के बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाने के लिए प्रदेश के सरकारी बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा।
इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति में डीएम अध्यक्ष होंगे। जबकि सदस्य के रूप में मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी होंगे। इसी समिति के जरिये मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा।
इसके बाद भी जो बच्चें प्रवेश से वंचित रह जाएंगे, उनके लिए जरूरत के मुताबिक या तो वर्तमान स्कूलों में सीटें बढ़ाई जाएंगी या नए विद्यालय खोले जाएंगे। इसकी रिपोर्ट डीएम हर महीने बेसिक शिक्षा के महानिदेशक, सचिव माध्यमिक शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण को देंगे। छात्रों के प्रवेश की नियमित समीक्षा शासन स्तर से की जाएगी।
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