एनपीएस आच्छादित कई अध्यापक सेवानिवृत्त, न फंड मिला और न पेंशन आदेश
• प्रान खाते में धनराशि अपडेट नहीं होने से बढ़ी शिक्षकों की परेशानी
• कई जिलों में शिक्षकों के प्रान खाते में धनराशि ही नहीं भेजी गई
प्रयागराज : एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त एडेड माध्यमिक विद्यालयों के कई शिक्षकों व कर्मचारियों की कटौती की धनराशि नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत उनके प्रान (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) खाता में जमा नहीं होने से उनके सामने नया संकट खड़ा हो गया है। जो शिक्षक व कर्मचारी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए, उसमें से कई के प्रान खाता में कटौती की धनराशि समय से जमा नहीं करने से उन्हें उनके देयक एक अप्रैल को नहीं मिले। अब सेवानिवृत्त होने से वेतन भी नहीं मिलेगा और प्रान खाते में जमा धनराशि से मिलने वाली 40 प्रतिशत धनराशि व पेंशन आदेश नहीं मिलने से वह परेशानी में हैं।
एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक/कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) से आच्छादित हैं। उनके वेतन से दस प्रतिशत कटौती की जाती है और 14 प्रतिशत सरकार अंशदान देती है। कई जिलों में शिक्षकों व कर्मचारियों के प्रान खाते में सरकार का अंशदान जमा ही नहीं किया गया है। कई जिलो में धनराशि डीआइओएस/डीडीओ के यहां पड़ी है। कुछ जिलों में सरकार का अंशदान ही नहीं मिला है, जबकि जिलों से डिमांड भेजी गई है।
प्रयागराज में आठ, फतेहपुर में नौ, मऊ में एक तथा कई और जिलों में एनपीएस से आच्छादित शिक्षक 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए। प्रयागराज, कासगंज, बस्ती और कुशीनगर सहित कई जिलों में शिक्षकों का प्रान खाता अपडेट ही नहीं है, जिससे धनराशि का आगणन नहीं हो सका है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश संरक्षक डा. हरिप्रकाश यादव ने बताया कि कई जिलों में आठ महीने से लेकर 18 महीने से कटौती की राशि शिक्षकों के प्रान खाते में जमा ही नहीं की गई है। धनराशि जिलों में ही पड़ी है, जबकि सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले कटौती इसलिए बंद कर दी जाती है कि उनके देयकों का आगणन कर सेवानिवृत्ति के समय नियमानुसार भुगतान किया जा सके। देयकों के भुगतान नहीं होने से सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों व कर्मचारियों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ेगा।
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