मौसम विभाग की भीषण हीटवेव की चेतावनी के बीच यूपी में कक्षा आठ तक के बच्चों को यह कैसी राहत?
छोटे बच्चों के स्कूल का समय बड़े बच्चों के स्कूल से ज्यादा रखने पर समाज का जागरूक वर्ग उठा रहा सवाल
मौसम विभाग में यूपी में अगले कुछ दिन भीषण हीट वेव यानी लू चलने की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए यलो अलर्ट भी जारी किया गया है। इस बीच शासन ने भीषण गर्मी और लू को देखते हुए बेसिक बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण वाले कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों का समय बदल दिया है। शासन की ओर से बुधवार को जारी आदेश के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित और मान्यता प्राप्त सभी विद्यालय सुबह 7.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक संचालित किये जाएंगे। पहले स्कूल दो बजे तक चलते थे।
वहीं, प्रदेश के मदरसों में पढ़ाई का समय बदल दिया गया है। यू.पी.मदरसा बोर्ड की रजिस्ट्रार डा.प्रियंका अवस्थी की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब मदरसों में सुबह सात बजे से दोपहर 12:30 बजे तक पठन पाठन का कार्य होगा।
परिषदीय स्कूलों के समय को लेकर शासन के निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं। अभिभावक पूछ रहे हैं कि दोपहर एक बजे सबसे ज्यादा तेज धूप औऱ लू का प्रकोप होता है। ऐसे समय पर छुट्टी होने से क्या बच्चों को किसी तरह की राहत मिल सकती है?
प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी और लू को देखते हुए तमाम माता-पिता व अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षक संगठनों की ओर से भी स्कूलों के समय में बदलाव की अपील की जा रही थी। सभी की ओर से मौसम विभाग द्वारा जारी ग्रीष्म लहर की चेतावनियों का भी हवाला दिया जा रहा था।
इन अपीलों को आधार बनाकर कुछ जिलों में जिलाधिकारी स्तर से स्कूलों के समय में बदलाव भी किया जाने लगा था। इस बीच मौसम विभाग ने भी बुधवार को प्रदेश के 32 जिलों में लू चलने की चेतावनी जारी की है। साथ ही पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि आने वाले 5 दिनों में 2-3 डिग्री सेल्सियस तापमान में वृद्धि होगी और लू के साथ धूल भरी गर्म हवाएं चलेंगी।
मौसम विज्ञान विभाग की एडवाइजरी के मद्देनजर शासन की ओर से विशेष सचिव यतीन्द्र कुमार ने बुधवार की शाम को आदेश जारी कर स्कूलों के समय में बदलाव की सूचना सभी परिषदीय स्कूलों को दिये जाने के निर्देश बेसिक शिक्षा निदेशक के नाम जारी कर दिया। अभिभावकों का कहना है कि अगर समय बदलना ही है तो सुबह 11 बजे तक छुट्टी हो जानी चाहिए। कई जिलों में सुबह नौ बजे ही पारा 40 डिग्री पर पहुंच जा रहा है। दोपहर दो बजे छुट्टी हो या एक बजे हो, बच्चों या उनके अभिभावकों को किसी तरह से राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
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