शासकीय अधिवक्ता शासन से 30 दिन में लें निर्देश
हमीरपुर । पिछले एक वर्ष से अंतरजनपदीय पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता से प्रक्रिया के पूर्ण न हो पाने पर शासन से 30 दिन में निर्देश लेने को आदेशित करते हुए अगली सुनवाई 29 मई को नियत की है।
याचिकाकर्ता शिक्षक अनुराग तिवारी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने निर्भय सिंह और अदर्स की याचिका में 12 फरवरी 2024 के आदेश में 2023-24 के अंत में स्थानांतरण करने का आदेश पारित किया था लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न होने पर उन्होंने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की 22 अप्रैल की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने शासकीय अधिवक्ता से इस प्रक्रिया के पूर्ण न हो पाने पर शासन से 30 दिन में निर्देश लेने को आदेशित करते हुए अगली सुनवाई 29 मई को नियत की है।
बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग के दो जून 2023 के शासनादेश में अंतर्जनपदीय सामान्य एवं पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया समानांतर रूप से चलनी थी। सामान्य स्थानांतरण की प्रकिया लगभग एक माह में पूर्ण कर ली गई, किन्तु पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी तक अधर में लटकी है। शिक्षक पिछले एक वर्ष में कई बार विभागीय अधिकारियों एवं मंत्रियों से इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए मिले किन्तु उन्हें मायूस होना पड़ा।
अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, शिक्षकों के अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण का मामला
हमीरपुर। अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण को लेकर उच्च न्यायालय का आदेश शासन द्वारा न मानने पर आवेदन करने वाले शिक्षकों ने अवमानना याचिका दायर की। जिसमें उच्च न्यायालय ने शासन से 30 दिन में पक्ष मांगते हुए अगली सुनवाई के लिए 29 मई की तिथि तय की है।
मुख्यालय के रमेड़ी मोहल्ला निवासी याचिकाकर्ता शिक्षक अनुराग तिवारी ने बताया कि दो जून 2023 को बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतरजनपदीय सामान्य व पारस्परिक स्थानांतरण के आदेश जारी किए। जिसमें दोनों प्रक्रियाएं समानांतर चलने का भी उल्लेख किया गया। लेकिन सामान्य स्थानान्तरण की प्रक्रिया को लगभग एक माह में पूर्ण कर लिया गया और पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी भी पूर्ण नहीं हो सकी।
अंतर जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए आवेदकों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व पेयर बनाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। लेकिन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने नौ जनवरी 2024 के आदेश में इस प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण की कार्रवाई को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया। इस पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्भय सिंह व अन्य के नाम से याचिका दाखिल की थी।
उच्च न्यायालय ने 12 फरवरी 2024 को सत्र के अंत मे स्थानांतरण करने का आदेश दिया। लेकिन शासन द्वारा कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल की गई। जिसमें बीते 22 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए 30 दिन में शासन से पक्ष मांगा है।
अंतर्जनपदीय म्यूचुअल स्थानांतरण पर फंसा पेंच, उच्च न्यायालय का आदेश न मानने पर दायर हुई अवमानना याचिका
■ बेसिक शिक्षा विभाग में सामान्य और म्यूचुअल स्थानांतरण का मामला
■ शिक्षक ने दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया अवमानना की याचिका
बेसिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नीति पर कोर्ट के आदेश की अनदेखी की जा रही है। सामान्य स्थानांतरण प्रक्रिया होने के बाद भी अभी तक पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण का पेंच फंसा हुआ है। विभाग की हीलाहवाली से नाराज होकर याचिकाकर्ता शिक्षक ने हाईकोर्ट में अवमानना की रिट दायर की है।
याचिकाकर्ता शिक्षक अनुराग तिवारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के अंतरजनपदीय सामान्य एवं पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण 2023-24 के लिए दो जून 2023 को शासनादेश जारी हुआ था। उल्लेख था कि दोनों प्रक्रियाएं समानांतर चलेंगी। सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया को लगभग एक माह में पूरा किया गया और पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी भी लटकी है। प्रक्रिया के लिए आवेदकों द्वारा ऑनलाइन
रजिस्ट्रेशन एवं पेयर बनाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है लेकिन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के नौ जनवरी 2024 के आदेश में इस प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण की कार्यवाही को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया। शिक्षकों ने 11 से 14 जनवरी तक निशातगंज लखनऊ में स्थानांतरण के लिए महायाचना कार्यक्रम किया। जिसमें विभागीय अधिकारियों एवं मंत्रियों से गुहार लगाई किंतु शिक्षकों को मायूसी ही हाथ लगी।
उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्भय सिंह एंड अदर्स के नाम से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए एक याचिका दाखिल की, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा 12 फरवरी 2024 को सत्र 2023-24 के अंत में स्थानांतरण करने का आदेश पारित किए। न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अंतर्गत इस प्रक्रिया के शिक्षक कई बार विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर स्थानांतरण के लिए अनुरोध कर चुके हैं, किंतु अभी तक शासन द्वारा कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता शिक्षक ने बताया कि कोर्ट के आदेश का निर्धारित समय में पालन न हो पाने के कारण उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल कर दी गई है, जिसकी सुनवाई अगले सप्ताह संभावित है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के पूर्ण न होने से पूरे प्रदेश में लगभग चार से पांच हजार शिक्षक प्रभावित है।
उच्च न्यायालय का आदेश न मानने पर दायर की अवमानना याचिका
बीते वर्ष दो जून को बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया था आदेश
शिक्षकों के अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण का मामला
अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण को लेकर उच्च न्यायालय का आदेश न मानने पर आवेदन करने वाले शिक्षकों ने अवमानना याचिका दायर की है।
बीते वर्ष दो जून को बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के अंतर्जनपदीय सामान्य व पारस्परिक स्थानांतरण के - लिए शासनादेश जारी किया था। जिसमें सामान्य स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी।
जिसमें उच्च न्यायालय ने सत्र के अंत में उनके स्थानांतरण के आदेश - दिए थे। इसके बाद भी विभाग ने इस - पर कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यालय के रमेड़ी मोहल्ला निवासी याचिकाकर्ता शिक्षक - अनुराग तिवारी ने बताया कि दो जून - 2023 को बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतरजनपदीय सामान्य व पारस्परिक स्थानांतरण के आदेश जारी किए थे।
जिसमें दोनों प्रक्रियाएं समानांतर चलने का भी उल्लेख किया गया। लेकिन सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया को लगभग एक माह में पूर्ण कर लिया गया और पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी भी पूर्ण नहीं हो सकी।
बताया कि अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए आवेदकों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व पेयर बनाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। लेकिन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने नौ जनवरी 2024 के आदेश में इस प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण की कार्रवाई को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया।
जिस पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्भय सिंह व अन्य के नाम से याचिका दाखिल की। इसमें उच्च न्यायालय ने 12 फरवरी 2024 को सत्र के अंत में स्थानांतरण करने का आदेश दिया। आदेश के क्रम में कई बार विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर स्थानांतरण का अनुरोध किया।
लेकिन अभी तक शासन द्वारा कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। जिस पर आदेश का निर्धारित समय में पालन न हो पाने के कारण उच्चन्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल कर दी गई है। इसकी सुनवाई अगले सप्ताह संभावित है। बताया कि शिक्षक अब न्याय पाने को न्यायालय की शरण में है, जिससे उनकी स्थानांतरण नीति सुरक्षित रहे व उनके अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण शीघ्र हो सके।
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