यूपी में SC–ST विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए दोगुनी होगी आयसीमा, समाज कल्याण विभाग पांच लाख रुपये सालाना आयसीमा का प्रस्ताव कर रहा तैयार
लखनऊ। छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आयसीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये सालाना की जाएगी। अभी यह ढाई लाख रुपये है। समाज कल्याण विभाग इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जुलाई तक प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
प्रदेश में हर साल अनुसूचित जाति व जनजाति के करीब 13.5 लाख विद्यार्थी छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ पाते हैं। केंद्र सरकार योजना का लाभ पाने वालों के लिए सालाना आयसीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसलिए यूपी के समाज कल्याण विभाग ने भी आयसीमा बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आयसीमा पांच लाख रुपये करने से डेढ़ से दो लाख और विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। वहीं सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए भी आयसीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
लखनऊ। प्रदेश में छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ पाने के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य की जाएगी। नई व्यवस्था वर्ष 2025-26 से लागू होगी। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दे दिए गए हैं।
प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों को ढाई लाख रुपये तक और अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये तक सालाना आमदनी होने पर इस योजना का लाभ मिलता है।
विगत वर्षों में योजना में काफी गड़बड़ियां सामने आई थीं। मथुरा में तो एक ही छात्र को कई शिक्षण संस्थाओं में दिखाकर छात्रवृत्ति की रकम हड़पी गई। मामले पकड़ में आने पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी सस्पेंड किए गए।
शिक्षण संस्थानों को भी काली सूची में डाला गया। इस योजना में घपलों की गुंजाइश खत्म करने के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है।
50 लाख से ज्यादा को लाभ
बायोमीट्रिक हाजिरी लाभार्थी के चेहरे या अंगूठे पर आधारित होगी। कोई भी छात्र कक्षा में न्यूनतम 75 फीसदी हाजिरी होने पर ही योजना का लाभ पाने का हकदार होता है। हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र छात्रवृत्ति से लाभांवित होते हैं।
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