77 निजी डीएलएड कालेजों में प्रवेश शून्य, 46,000 सीटें रह गई खाली
• सीधे प्रवेश लेने की अनुमति के बाद भी नहीं भरी जा सकी सीटें
• पांच वर्ष से प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं आने से घटा रुझान
प्रयागराज : बेसिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान भर्ती नहीं आने के कारण घट रहा है। इसका अनुमान इसी से लगता है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सहित निजी संस्थानों में सीधे प्रवेश लेने की अनुमति के बावजूद सीटें खाली रह गईं। इतना ही नहीं, प्रदेश में 77 ऐसे निजी संस्थान हैं, जिनमें कोई प्रवेश नहीं हुआ। अन्य प्रशिक्षण संस्थानों की सीटों को मिलाकर 46,041 सीटें खाली रह गईं।
डीएलएड प्रशिक्षण के लिए प्रदेश भर में 66 डायट एवं एक सीटीई कालेज वाराणसी में है। इन संस्थानों में कुल 10,600 सीटें हैं। इसके अलावा 3045 निजी डीएलएड संस्थान में कुल मिलाकर 2,28,200 सीटें हैं। इस तरह कुल 3112 संस्थानों की 2,38,800 सीटों पर प्रवेश के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने आनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें 267 अल्पसंख्यक प्रशिक्षण संस्थानों की 12,625 सीटें भी शामिल हैं।
सीटों के सापेक्ष आवेदन नहीं आने पर अंतिम तिथि बढ़ाई भी गई, इसके बावजूद कालेजों की सभी सीटें भरी नहीं जा सकीं। इस स्थिति को देखते हुए शासन के निर्देश पर पीएनपी सचिव ने रिक्त रह गईं सीटों पर सीधे प्रवेश लेने की अनुमति दी। सचिव ने बताया कि अल्पसंख्यक कालेजों की सीटों को छोड़कर निजी संस्थानों की 2,15,575 सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसिलिंग कराई गई, जिसके सापेक्ष 1,82,938 सीटों पर छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिए। इसके अलावा अल्पसंख्यक कालेजों में 9821 सीटों पर लिए गए प्रवेश को मिलाकर कुल 1,92,759 प्रवेश हुए। इस तरह कुल 46,041 सीटें खाली रह गईं।
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