समय से जारी करें परीक्षा परिणाम ताकि वजीफे से वंचित न हों छात्र
विवि की लेटलतीफी से तमाम छात्रों को नहीं हो पाता भुगतान, शासन तैयार कर रहा कार्ययोजना, ऑनलाइन फॉर्म भरना भी होगा आसान
लखनऊ। विश्वविद्यालयों को परीक्षा परिणाम जारी करने में छात्रवृत्ति के शेड्यूल (नियमावली) का भी ध्यान रखना होगा। रिजल्ट समय से जारी न होने के कारण तमाम छात्र योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं, इसलिए शासन इस समस्या से निपटने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी आसान की जाएगी।
बीटीसी और नर्सिंग समेत तमाम पाठ्यक्रमों का रिजल्ट समय से नहीं आता है। जब तक इन छात्रों का रिजल्ट आता है, तब तक समाज कल्याण विभाग भुगतान के लिए डाटा लॉक कर चुका होता है। साथ ही पोर्टल पर रिजल्ट अपलोड न करने वाले छात्रों को अपात्र घोषित कर दिया जाता है। यह लेटलतीफी तो विश्वविद्यालय स्तर से होती है, लेकिन इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है।
इस समस्या से निपटने के लिए शासन ने तय किया है कि सभी विश्वविद्यालयों के साथ बैठकर कार्ययोजना तैयार होगी कि वे छात्रवृत्ति सूची अपलोड करने की अंत्तिम तिथि से पहले अपना रिजल्ट जारी करें। इसी तरह से सभी विश्वविद्यालयों को अपनी फीस निर्धारित करनी होगी। फीस निधर्धारित न होने से भी तमाम छात्र योजना का लाभ नहीं पा पाते हैं।
जिन शिक्षण संस्थानों में एक निश्चित संख्या से ज्यादा विद्यार्थी होंगे, उन्हें एक से ज्यादा लॉगइन, पासवर्ड और डिजिटल साइन दिए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों का डाटा अपलोड करने में उन्हें अभी तक एक शिक्षण संस्थान को एक ही डिजिटल साइन दिया जाता है। इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भी छोटा किया जाएगा। इसके अलावा जो जानकारियां आधार कार्ड, विवि के रिकॉर्ड और डीजी लॉकर से ऑटो फेम (स्वतः ग्रहण) की जा सकेंगी, उसे छात्रों से नहीं भरवाया जाएगा।
शासन उच्च स्तर पर इन समस्याओं के निराकरण के लिए विचार कर रहा है। इसके लिए शीघ्र ही सभी विश्वविद्यालयों के साथ बैठक भी होगी। उनकी दिक्कतें व सुझाव सुनने के बाद नियमावली पर जरूरी बदलाव किए जाएंगे।
बढ़ सकती है आय की सीमा
प्रदेश में सामान्य, पिछड़े व अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए सालाना आय की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर दाई लाख रुपये करने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर कैबिनेट से ही लगेगी।
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