पहले जानें विद्यालय का यू-डायस नंबर, तब दिलाएं बच्चे को प्रवेश, गैर मान्यता वाले विद्यालयों पर अंकुश लगाने के लिए जारी किया है यू-डायस नंबर
लखनऊ। सूबे में सैकड़ों विद्यालय बिना मान्यता के संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे विद्यालयों पर नकेल कसने के लिए शासन की ओर से यू-डायस पोर्टल बनाया गया है। सभी विद्यालयों का अपना यू-डायस नंबर जारी किया गया है। पोर्टल में सभी विद्यालयों व बच्चों की जानकारी को अपलोड करना अनिवार्य किया गया है।
ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश किसी विद्यालय में कराने जा रहे हैं तो पहले उस विद्यालय का यू-डायस नंबर जरूर पता कर लें। इसके साथ ही यह भी पता करें कि विद्यालय की मान्यता किस कक्षा तक है। प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों का यू-डायस कोड शासन ने जारी किया है जो विद्यालय भवन पर दर्ज कराना अनिवार्य है।
यू-डायस पोर्टल पर कक्षा एक से 12वीं तक के सभी विद्यालयों का ब्यौरा दर्ज किया गया है। इस पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले विद्यालयों का यू-डायस नंबर उनकी पहचान है। सभी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का विवरण भी पोर्टल पर अपलोड होना अनिवार्य है। इसके बाद बच्चों का पसर्नल एजुकेशन नंबर (पेन) जारी होता है।
जिस विद्यालय के पास यू-डायस व बच्चों का एजुकेशन नंबर नहीं है, उस विद्यालय के बच्चे का दाखिला दूसरे विद्यालय में नहीं हो पाएगा। कुछ विद्यालयों की मान्यता कक्षा पांच तक है और वह आठवीं तक के बच्चों को प्रवेश दिए हैं। जबकि कुछ विद्यालय हाईस्कूल की मान्यता पर इंटरमीडिएट तक कक्षाएं संचालित हैं। जिले में कुछ विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं, जो दूसरे विद्यालयों से सांठगांठ करके उनके विद्यालय में परीक्षा दिलाते हैं। ऐसे विद्यालयों की पहचान के लिए शासन ने यह निर्देश दिए हैं।
विना यू-डायस कोड के बच्चे को प्रवेश दिलाने पर उनके भविष्य संकट में पड़ सकता है। सभी विद्यालयों का यू- डायस नंबर शासन द्वारा जारी किया गया है। जब बच्चा विद्यालय में पढ़ाई पूरी कर लेता है तो उसकी टीसी पर विद्यालय का यू-डायस नंवर व एजुकेशन नंबर अंकिन किया जाता है।
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